🔳 जापानी तकनीक से किए जा रहे कार्य अंतिम चरण में पहुंचे
🔳 हाईवे से पहाड़ी की ओर क्रीप वर्क की तैयारियां शुरु
🔳 विशेषज्ञों ने किया सर्वे पूरा, मुख्य अभियंता से हरी झंडी का इंतजार
🔳 भूस्खलन वाले क्षेत्रों में हाईटेक तकनीक से कार्य हुआ पूरा
🔳 वर्ष 2010 की आपदा से बिगड़ गया था पहाड़ी का स्वरुप
[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर अतिसंवेदनशील पाडली की पहाड़ी से आगामी बरसात तक खतरा टाल दिया जाएगा। जापानी तकनीक से चार सौ मीटर ऊंचाई पर क्रिप वर्क यानि भूस्खलन रोकने में मददगार विशेष कार्य पूरा होने के बाद अब हाईवे के नजदीक कार्य किए जाने को प्रारम्भिक चरण का सर्वे पूरा कर लिया गया है। ज़ायका परियोजना के मुख्य अभियंता जय कुमार सर्वे के निरीक्षण के बाद कार्य शुरु कर दिया जाएगा। ज़ायका परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर गौरव जोशी के अनुसार अंतिम चरण के कार्य के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
कुमाऊं की लाइफ लाइन पर पाडली की खतरनाक पहाड़ी से से वर्ष 2010 की आपदा के बाद से मंडरा रहे खतरे को टालने के लिए 14.29 करोड़ रुपये की लागत से जापानी तकनीक से किए जा रहे कार्यों से आगामी बरसात तक खतरा टालने को कवायद तेज हो गई है। ज़ायका परियोजना व जापानी विशेषज्ञों की संयुक्त देखरेख में हुए शुरु हुए कार्यों में पहले शिप्रा नदी की ओर मजबूत सुरक्षा दीवार निर्माण के बाद पहाड़ी पर लगभग 400 मीटर ऊंचाई पर हाईटेक तकनीक से क्रिप वर्क तथा बरसाती पानी की निकासी को मजबूत ड्रेनेज सिस्टम तैयार करने के बाद अब हाईवे से 55 मीटर ऊंचाई व लगभग 150 लंबाई क्षेत्र में क्रिप वर्क कार्य की तैयारी शुरु कर दी गई है। विशेषज्ञों की विशेष टीम ने हाईटेक उपकरणों का इस्तेमाल कर सर्वे पूरा कर लिया है। विशेषज्ञों ने आगामी बरसात तक कार्य पूरा कर पहाड़ी से खतरा टालने का लक्ष्य तय किया है। जायका के प्रोजेक्ट मैनेजर गौरव जोशी के अनुसार सर्वे रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। जल्द मुख्य अभियंता जय कुमार शर्मा के निरीक्षण व आवश्यक दिशा निर्देश के बाद अंतिम चरण का कार्य शुरु कर दिया जाएगा। फिलहाल आवश्यक उपकरण स्थापित किए जाने का कार्य शुरु कर दिया गया है।

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