🔳 कैंची पहुंचने वाले श्रद्धालुओं व वाहन चालकों को करना पड़ रहा दिक्कतों का सामना
🔳 पर्यटन विभाग की पार्किंग में शौचालय व पेयजल तक की व्यवस्था नहीं
🔳 शौच के लिए जंगल व नदी को रुख करने को मजबूर हैं वाहन चालक व श्रद्धालु
🔳 व्यपारिक संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने उठाई सुविधाएं विकसित करने की मांग
🔳 जिला पर्यटन अधिकारी बोले – जल्द स्थापित होगा सुलभ शौचालय
[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित सुप्रसिद्ध कैंची क्षेत्र में पर्यटन विभाग की पार्किंग से आय तो खूब हो रही है पर सुविधा के नाम पर रत्तीभर की व्यवस्था तक नही है। कैंची धाम पहुंचने वाले श्रद्धालु पार्किंग स्थल पर बूंद बूंद पानी को तरस जा रहे हैं जबकी एक अदद सुलभ शौचालय तक का निर्माण नहीं हो सका है। ऐसे में पार्किंग शुल्क देने के बावजूद वाहन चालक व श्रद्धालु परेशानियों से जूझ रहे हैं।
हाईवे पर स्थित सुप्रसिद्ध कैंची धाम में देश के कोने कोने से रोजाना हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सरकार भी लगातार बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देख सुविधाएं विकसित करने को तेजी से कदम बढ़ा रही है। पूर्व में जाम की समस्या से निपटने को पार्किंग निर्माण किया गया। पर्यटन विभाग ने संचालन का जिम्मा निजी संस्था को सौंप दिया। लगातार श्रद्धालुओं के उमड़ने से पार्किंग से बेहतर मुनाफा भी होने लगा है जिससे सरकार का खजाना भी भर रहा है पर पार्किंग में सुविधाओं का अकाल होने से वाहन चालकों व श्रदालुओं को फजीहत का सामना करने को मजबूर होना पड़ रहा है। पार्किंग स्थल पर एक अदद सुलभ शौचालय निर्माण तक नहीं किया जा सका है जबकि पीने के पानी के लिए भी लोग परेशान रहते हैं। बदइंतजामी के हालत यह है की सुलभ शौचालय का निर्माण तो दूर अस्थाई रुप से बायो टायलेट तक स्थापित नहीं किया जा सका है। मजबूरी में श्रद्धालु व वाहन चालक समीपवर्ती जंगल तथा शिप्रा नदी को रुख करने को मजबूर हैं। ऐसे में नदी के साथ ही जंगलात क्षेत्र भी प्रदूषित होता जा रहा है। व्यापार मंडल प्रदेश उपाध्यक्ष विरेन्द्र सिंह बिष्ट, मनीष तिवारी, मनोज बिष्ट, गजेन्द्र सिंह नेगी, फिरोज अहमद, तारा सिंह बिष्ट, संजय सिंह आदि ने पार्किंग क्षेत्र में सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग उठाई है ताकि श्रद्धालुओं व वाहन चालकों को परेशानी का सामना न करना पड़े। जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी के अनुसार पार्किंग स्थल में शौचालय स्थापित किए जाने की तैयारी की किया जा रही है। हर संभव प्रयास किया जा रहा है की श्रद्धालुओं व वाहन चालकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके।