🔳पाडली क्षेत्र में पहाड़ी से गिरे रोड़े से संकरा हुआ मार्ग
🔳कैंची क्षेत्र में सड़क पर फैली निर्माण सामग्री बनी खतरे का सबब
🔳रातीघाट क्षेत्र में अधूरे छोड़े गए कार्य बन रहे परेशानी
🔳पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापारियों ने जताई गहरी नाराजगी

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

अगर आप कुमाऊं के महत्वपूर्ण अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर यात्रा करने की सोच रहे हैं तो आपको बेहद सावधानी बरतनी होगी। महत्वपूर्ण हाइवे पर जगह जगह खतरा मुंह उठाए खड़ा है। सुरक्षित आवाजाही के लिए ठोस प्रबंधन तक नहीं है। ऐसे में बदहाल हाइवे पर आवाजाही खतरे से खाली नहीं है। रोजाना आवाजाही करने वाले वाहन चालक भी तमाम मुश्किलों का सामना कर सफर तय कर रहे है‌।

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे कुमाऊं का सबसे महत्वपूर्ण हाइवे है। तमाम पर्वतीय जनपदों को जोड़ने के साथ ही बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमनोत्री, गंगोत्री, हेमकुंड साहिब समेत तमाम महत्वपूर्ण मंदिरों की आवाजाही को श्रद्धालु इस हाइवे का इस्तेमाल करते हैं। पहाड़ में रसद भी इसी हाइवे से भेजा जाता है‌ पर इसके हालात हाइवे जैसे कतई नहीं दिखते भवाली से खैरना तक करीब बीस किमी का सफर बेहद ख़तरनाक हो चुका है‌‌। कैंची क्षेत्र में हाइवे पर फैली निर्माण सामग्री, पाडली में पहाड़ी से गिरा मलबा बड़ी घटना को दावत दे रहा है तो वहीं रातीघाट समेत तमाम स्थानों पर आधे अधूरे छोड़े गए निर्माण कार्य से आवाजाही खतरनाक हो चुकी है। कई जगह चार वर्ष पूर्व आपदा से ध्वस्त हो चुके हाइवे की आज तक सुध ही नहीं ली जा सकी है। सुरक्षित यातायात को लगे क्रश बैरियर खाई में पड़े पड़े खुद की सुरक्षा को तरस रहे है। लंबे समय से हाइवे को दुरुस्त किए जाने की मांग भी उठ रही है पर सुध नहीं ली जा रही जिसका खामियाजा आवाजाही करने वाले यात्रियों व पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा है। जान जोखिम में डाल आवाजाही मजबूरी बन चुकी है। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी, प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष विरेन्द्र सिंह बिष्ट, अनिल बुधलाकोटी, मनीष तिवारी, गजेन्द्र सिंह नेगी, विनोद मेहरा, गोविन्द सिंह नेगी आदि ने एनएच की दुर्दशा पर नाराजगी जताई है। जल्हाइवे की स्थिति में सुधार न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।