🔳 आश्रम के नजदीक मलबे का ढेर बन सकता है मुसीबत
🔳 शिप्रा नदी के उफान में आने से बड़े नुकसान का अंदेशा
🔳 मलबे का समय रहते निस्तारण किए जाने की उठी मांग
🔳 सहायक अभियंता ने किया जल्द निस्तारण का दावा
[[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]]

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित सुप्रसिद्ध कैंची धाम आश्रम के समीप शिप्रा नदी क्षेत्र में मलबे का ढेर लगा दिए जाने से आश्रम की सुरक्षा दीवार व नजदीक ही बना पुल खतरे की जद में आ गया है। नदी का उफान बढ़ने पर मलबा तबाही लगा सकता है बावजूद सुध नहीं ली जा रही। श्रद्धालुओं ने नदी क्षेत्र से तत्काल मलबे का निस्तारण किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।
देश विदेश के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र सुप्रसिद्ध कैंची धाम में इन दिनों सरकारी बजट से मल्टीस्टोरी पार्किंग, पाथवे निर्माण समेत कई कार्य गतिमान है‌। मंदिर के मुख्य गेट के समीप ध्यान केंद्र का निर्माण भी प्रस्तावित है। बीते दिनों लोडर मशीन से निर्माण कार्यों के लिए की गई खुदाई से निकले मलबे का निस्तारण न कर शिप्रा नदी क्षेत्र में ढेर लगा दिए जाने से कैंची आश्रम की सुरक्षा दीवार के साथ ही नदी पर बने सेतू पर खतरा बढ़ गया है। बारिश होने पर बहाव बढ़ने व मलबे के कारण नदी का रुख बदलने से खतरा बढ़ने का अंदेशा है। पल पल बदल रहे मौसम से कभी भी बारिश की संभावना से खतरा बढ़ता ही जा रहा है बावजूद जिम्मेदार सुध नहीं ले रहे। सुप्रसिद्ध नीम करौरी आश्रम के समीप शिप्रा नदी क्षेत्र में मलबे का ढेर लगने से आश्रम को बढ़ रहे खतरे पर मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने भी चिंता व्यक्त की है। समय रहते मलबे का निस्तारण किए जाने पर जोर दिया है। अंदेशा जताया की यदि जल्द मलबे का निस्तारण नहीं किया गया तो नदी के उफान में आने पर मलबा ही तबाही मचा सकता है। क्षेत्रवासियों ने भी जल्द मलबे के निस्तारण की मांग उठाई है। लोनिवि के सहायक अभियंता प्रवीन कुमार के अनुसार नदी क्षेत्र से मलबा हटाने को संबंधित ठेकेदार को निर्देशित कर दिया गया है। जल्द मलबा हटवा दिया जाएगा।

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