🔳 खैरना क्षेत्र में आबादी के नजदीक तक पानी पहुंचने से हड़कंप
🔳 दहशत में लोगों ने छतों में चढ़कर की पानी के बहाव की निगरानी
🔳 बाढ़ सुरक्षा के इंतजाम न होने से खतरे में तीस से ज्यादा परिवार
🔳शिप्रा नदी का बहाव भी हुआ तेज, क्षेत्रवासियों में दहशत
🔳 पूर्व में नदी के उफान की भेंट चढ़ चुके हैं कई आवासीय मकान
[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]

मध्य रात्रि से शुरु हुई बारिश से कोसी व शिप्रा नदी का बहाव तेज होने से खैरना व गरमपानी क्षेत्र के बाशिंदों की धड़कनें बढ़ गई। खैरना क्षेत्र में कोसी नदी का पानी आबादी के नजदीक तक पहुंचने से लोग घरों से बाहर निकल आए। छतों से लोग पानी के जलस्तर पर नजर रखने को मजबूर हो गए। रानीखेत पुल से खैरना स्थित मोक्ष धाम तक सुरक्षा के इंतजाम न होने से अनहोनी का अंदेशा बना हुआ है।
गुरुवार को तेज बारिश के दौरान एकाएक उत्तरवाहिनी शिप्रा व अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे किनारे बहने वाली कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया। बहाव तेज होने से खैरना क्षेत्र में रानीखेत पुल से दोनों नदियों के संगम पर स्थित मोक्ष धाम तक नदी क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा के कार्य न होने से कोसी नदी का पानी आबादी के नजदीक तक पहुंच गया। लगातार बढ़ रहे खतरे को भांप लोग छतों पर चढ़ गए। बढ़ रहे जल स्तर पर निगरानी शुरु कर दी गई। गरमपानी बाजार के ठिक पीछे बहने वाली शिप्रा नदी का बहाव तेज होने से भी स्थानीय लोग परेशान रहे। पूर्व में नदी के तेज बहाव की जद में आकर कई आवासीय भवन जमींदोज हो गए थे जबकि बड़ी संख्या में मकानों को नुकसान पहुंचा था। हालांकि अब बाढ़ सुरक्षा कार्य होने के बाद काफि हद तक खतरा टल गया है पर नदी का बढ़ते जल स्तर से बाढ़ सुरक्षा कार्यो की बुनियाद को खतरा बढ़ने का अंदेशा है। खैरना पुलिस की टीम ने लोगों को नजदीक न जाने को जागरुक किया। व्यापारी नेता बिशन सिंह जंतवाल, महेंद्र सिंह बिष्ट, राजू नेगी आदि ने रानीखेत पुल से खैरना तक बाढ़ सुरक्षा कार्य करवाए जाने की मांग उठाई है ताकि लगातार बढ़ रहे खतरे को टाला जा सके।

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