🔳 गरमपानी खैरना बाजार को बचाने को शिप्रा नदी क्षेत्र में हुए हैं कार्य
🔳 बीते दिनों उफान में आई शिप्रा ने चैक डैम को दिए जख्म
🔳 क्षेत्रवासियों ने उठाए गुणवत्ता पर सवाल
🔳 अपर सहायक अभियंता ने जल्द निरीक्षण का किया दावा
[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]]

गरमपानी खैरना बाजार के ठिक पीछे बहने वाली शिप्रा नदी में सात करोड़ रुपये की भारी-भरकम लागत से किए गए बाढ़ सुरक्षा कार्यों में गुणवत्ता की कलई खुलने लगी है। तीन दिन की बारिश में उफान पर आई शिप्रा नदी के थपेड़ो से सुरक्षा कार्य क्षतिग्रस्त होने लगे हैं। क्षेत्रवासियों ने एक ही बाढ़ में सुरक्षात्मक कार्य के क्षतिग्रस्त होने पर नाराजगी जताई है।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर गरमपानी खैरना बाजार के ठिक पीछे बहने शिप्रा नदी ने बीते चार वर्ष पूर्व भारी तबाही मचाई। उफान में आई शिप्रा ने तीन मकान ध्वस्त कर डाले जबकि कई भवनों को भारी क्षति पहुंचाई। नदी के वेग से आबादी क्षेत्र को बचाने को सरकार ने सात करोड़ रुपये की भारी भरकम धनराशि अवमुक्त की। बीते वर्ष नदी क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा कार्य भी पूरे कर लिए गए। उम्मीद थी की बाढ़ सुरक्षा कार्य होने से बाढ़ का खतरा कम हो सकेगा पर बीते दिनों हुई बारिश से उफान में आई शिप्रा ने बाढ़ सुरक्षा कार्यो के गुणवत्ता की पोल खोल कर रख दी है। गरमपानी क्षेत्र में किए गए कार्य के चैक डैम को नदी के बहाव ने क्षतिग्रस्त कर डाला है। करोड़ों रुपये की सरकारी धनराशि से किए गए कार्य के एक ही बाढ़ में क्षतिग्रस्त होने से गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। व्यापारी नेता मनीष तिवारी, गजेन्द्र सिंह नेगी, विनोद मेहरा, गोविन्द सिंह नेगी, फिरोज अहमद, महेंद्र सिंह आदि ने मामले में नाराजगी जताई है। कार्यदाई संस्था सिंचाई विभाग के अपर सहायक अभियंता नीरज तिवारी के अनुसार जल्द निरीक्षण किया जाएगा। क्षतिग्रस्त कार्य को दुरुस्त करवाया जाएगा।

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