🔳 विशेष अभियान चलाकर धनियाकोट क्षेत्र से पकड़े तीस कटखने बंदर
🔳 दहशत का पर्याय बन चुका है बंदरों का झुंड
🔳 दो दर्जन से अधिक लोगों को कर चुके हैं घायल
🔳 आरटीआई कार्यकर्ता ने डीएम को ज्ञापन सौंप बताई थी समस्या
[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]]
बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में कटखने बंदरों के बढ़ते आंतक से निजात दिलाने को आरटीआई कार्यकर्ता के जिलाधिकारी से गुहार लगाने के बाद हरकत में आई वन विभाग की टीम ने धनियाकोट क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर तीस बंदर पकड़े। वन क्षेत्राधिकारी सोनल पनेरु के अनुसार अभियान आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने ग्रामीणों से भी विशेष अहतियात बरतने का आह्वान किया है।
ब्लॉक के तमाम गांवों में कटखने बंदरों की बढ़ती संख्या से ग्रामीण दहशत में हैं। तल्लाकोट, मल्लाकोट बादरकोट गांव में ही दो दर्जन से अधिक लोगों को बंदर घायल कर चुके हैं। स्कूली बच्चों, बुजुर्गो व महिलाओं पर बंदरों का झुंड हमलावर हो जा रहा है। किसान भी बंदरों से परेशान हैं। बंदरों का झुंड खेतों में उपज को तहस नहस कर दे रहे हैं। बीते दिनों आरटीआई कार्यकर्ता कृपाल सिंह मेहरा ने जिलाधिकारी वंदना सिंह को गांवों में कटखने बंदरों के आंतक की जानकारी दे ज्ञापन सौंपा। वन विभाग को निर्देशित कर कटखने बंदरों के बढ़ते आंतक से निजात दिलाने की मांग उठाई। मामले के जिलाधिकारी तक पहुंचने से वन विभाग हरकत में आ गया है। शनिवार को वन क्षेत्राधिकारी सोनल पनेरु की अगुवाई में धनियाकोट क्षेत्र से बंदर पकड़ने के अभियान की शुरुआत कर दी गई। रेस्क्यू सेंटर रानीबाग से पहुंची छह सदस्यीय टीम ने पिंजरा लगाकर करीब तीस बंदरों को पकड़ लिया। बंदरों के पकड़े जाने से गांव के बाशिंदों ने राहत की सांस ली। वन क्षेत्राधिकारी सोनल के अनुसार अन्य गांवों में भी अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान भरत मासीवाल, गिरीश पलड़िया, लीलाधर, योगेश बोहरा, नंदन राम, ख्याली राम आदि मौजूद रहे।