🔳आड़ू, पूलम व खुमानी के चालीस पेड़ों को हुआ नुकसान
🔳आग की विकराल लपटों से दहशत में आए ग्रामीण
🔳बेतालघाट ब्लॉक के जाड़ापानी गांव का मामला
🔳स्थानीय लोगों ने किसान को मुआवजा दिए जाने की मांग

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लॉक के जाड़ापानी गांव से सटे जंगल में धधकी आग से स्थानीय ग्रामीण का फलदार पेड़ों का बगीचा खाक हो गया। आड़ू, पूलम व खुमानी के लगभग चालीस पेड़ बुरी तरह जल गए। बगीचे के आग की चपेट में आने से फल उत्पादक किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। गांव के बाशिंदों ने किसान को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है।

जंगलों की आग बेकाबू होने लगी है। एक के बाद एक जंगलो को राख करने के बाद अब वनाग्नि आबादी के नजदीक तक पहुंचने लगी है। बीते कई दिनों से थुआ के जंगल में धधक रही आग की लपटें शनिवार देर रात जाड़ापानी गांव के नजदीक तक पहुंच गई। आग की विकराल लपटों से गांव के बाशिंदे दहशत में आ गए। अनहोनी का अंदेशा जता लोग घरों से बाहर निकल आए। एकाएक आग की लपटों ने स्थानीय किसन राम को आड़ू, पूलम व खुमानी के बगीचे की ओर रुख कर लिया। कुछ ही देर में आग बगीचे के बड़े हिस्से में फैल गई। ग्रामीणों ने आग बुझाने को अभियान शुरु किया पर विकराल आग ने ग्रामीणों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बामुश्किल आग को काबू किया जा सका। आग ने फल उत्पादक किसान के आड़ू, पूलम व खुमानी के करीब चालीस पेड़ों को बुरी तरह झुलसा दिया। आग से बगीचे को नुकसान पहुंचने से किसान के माथे पर चिंता की लकीर गहरा गई। स्थानीय ग्रामीणों ने किसान को हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। फल उत्पादक किसान ने भी उद्यान, वन तथा प्रशासन को घटना की सूचना दे दी है। आग ने थुआ के जंगल को भी नुकसान पहुंचाया है। बेसकिमती वन संपदा के साथ ही मवेशियों की चारा पत्ती भी राख हो गई है।