🔳जर्जर हालत में पहुंचा वलनी गांव में स्थित विद्यालय भवन
🔳बारिश में बरामदे व एक घर में संचालित हो रही कक्षाएं
🔳ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने लगाया शिक्षा विभाग पर अनदेखी का आरोप
🔳दो वर्ष से बिगड़ रहे हालात बावजूद नहीं ली जा रही सुध
🔳जल्द हालात न सुधरने पर जनांदोलन का ऐलान
{{{{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}}
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे वलनी गांव में स्थित शिक्षा का मंदिर जीर्णशीर्ण हालत में बहुत चुका है बावजूद सुध नहीं ली जा रही। गिरने को तैयार छत को महज दो बल्लियों का सहारा है। बल्लियों के सहारे छत को गिरने से बचाने की जद्दोजहद की गई है। ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग की अनदेखी पर रोष जताया है। अंदेशा जताया है की भी बड़ी अनहोनी सामने आ सकती है।
पहाड़ों में शिक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने के दावे धरातल में खोखले साबित होते जा रहे हैं। शिक्षक विहीन विद्यालय व्यवस्था की पोल खोल रहे है तो वहीं विद्यालय भवनों की दुर्दशा से नौनिहालों की जिंदगी पर खतरा बढ़ता ही जा रहा है। हाइवे से सटे राजकीय प्राथमिक विद्यालय वलनी का भवन बड़ी अनहोनी की ओर इशारा कर रहा है। हालत इतनी विकट हो चुकी है की विद्यालय की छत कभी भी भरभरा के धराशाई हो सकती है। छत को गिरने से रोकने के लिए दो बल्लियों का सहारा लिया गया है। मजबूरी में विद्यालय के बरामदे में कक्षाएं संचालित की जा रही है। बारिश होने पर समीप ही एक घर में विभिन्न कक्षाओं में अध्ययनरत करीब बारह नौनिहाल प्राथमिक शिक्षा का कहकहा सिख रहे हैं। ग्राम प्रधान महेंद्र रावत के अनुसार कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समस्या की जानकारी दी जा चुकी है बावजूद सुध नहीं ली जा रही है। ऐसा लगता है मानो विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा हो। आरोप लगाया की विभागीय अधिकारी उपेक्षा पर आमादा है। स्थानीय पूरन सिंह, नंदन सिंह, देवेंद्र सिंह, रविन्द्र सिंह, मदन सिंह, मोहन सिंह, चंदन सिंह, आंनद सिंह, बालम सिंह आदि ने जल्द विद्यालय भवन के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर नए भवन निर्माण की मांग उठाई है। चेताया है की यदि समस्या का समाधान नहीं किया गया तो जनांदोलन किया जाएगा।