🔳 क्वारब क्षेत्र में खस्ताहाल पहाड़ी का किया जाएगा सर्वे, डीपीआर होगी तैयार
🔳 भूगर्भीय सर्वे से काफि हद तक स्थिती हो सकेगी साफ
🔳 महत्वपूर्ण हाईवे पर खतरा टालने को गंभीर हुआ एनएच प्रशासन
🔳 आए दिन पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन ने बढ़ाई अफसरों की चिंता
🔳 यातायात प्रभावित होने परेशानी झेल रहे यात्री व पर्यटक
[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर क्वारब क्षेत्र में खतरा बन चुकी पहाड़ी के उपचार को एनएच प्रशासन हरकत में आ गया है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन को रोकने के टिहरी हाइड्रो डवलमेंट कारपोरेशन के विशेषज्ञ पहाड़ी का निरीक्षण कर डीपीआर तैयार करेंगे। भूगर्भीय सर्वे के बाद खतरा बन चुकी पहाड़ी की असल तस्वीर सामने आएगी। एनएच के सहायक अभियंता जीके पांडे के अनुसार बुधवार को टीएचडीसी की टीम क्वारब पहुंचेगी।
हाइवे पर नैनीताल व अल्मोड़ा जनपद की सीमा पर क्वारब क्षेत्र में पहाड़ी का बिगड़ता स्वरुप परेशानी बन चुका है। आए दिन पहाड़ी से भूस्खलन होने से हाइवे पर आवाजाही ठप हो जा रही है दूसरी ओर बेहद कम जगह होने से कोसी नदी की ओर से भी खतरा बढ़ता ही जा रहा है। लगातार भूस्खलन होने से महत्वपूर्ण हाइवे पर यातायात ठप होने से लोगों को वाया रानीखेत होते हुए आवाजाही को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं लगातार पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों से जनहानी का खतरा भी बढ़ता ही जा रहा है। महत्वपूर्ण हाइवे की सीमा पर पहाड़ी से परेशानी खड़े होने से एनएच प्रशासन ने टिहरी हाइड्रो डवलमेंट कारपोरेशन (टीएचडीसी) के विशेषज्ञों को बुलवा लिया है। टीएचडीसी के विशेषज्ञों की टीम क्वारब क्षेत्र में दरक रही पहाड़ी की रोकथाम को विशेष रिपोर्ट तैयार कर डीपीआर बनाएगी। भूगर्भीय सर्वे कर पहाड़ी की असल स्थित का भी पता लगाया जाएगा। टीएचडीसी के विशेषज्ञों की टीम बुधवार यानि कल पहाड़ी का सर्वे करेगी। एनएच के सहायक अभियंता जीके पांडे के अनुसार पहाड़ी से खतरा टालने को टीएचडीसी की टीम डीपीआर तैयार करेगी। डीपीआर तैयार होने के बाद आगे की कार्रवाई शुरु की जाएगी।
समय रहते नहीं ली गई सुध अब भुगत रहे खामियाजा
क्वारब क्षेत्र में पहाड़ी के बड़े हिस्से में भूस्खलन से स्थानीय लोगों के माथे पर भी चिंता की लकीरें गहरा गई है। आए दिन पहाड़ी के दरकने से लोगों ने हाईवे के आस्तित्व पर भी संकट गहराने का अंदेशा जताया है वहीं पहाड़ी के बिगड़ रहे स्वरुप के लिए विभागीय अधिकारियों को ही जिम्मेदार ठहराया है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कुबेर सिंह जीना के अनुसार जब क्वारब क्षेत्र में नई पुल का निर्माण किया गया तब पहाड़ी को भारी भरकम जेसीबी व पोकलैंड मशीनों से नुकसान तो पहुंचाया गया पर सुरक्षात्मक कार्यों की सुध नहीं ली गई। परिणाम स्वरुप वर्तमान में पहाड़ी दरकती जा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार यदि समय रहते भूस्खलन रोकने को पहाड़ी पर सुरक्षात्मक कार्य कराए गए होते तो आज यह स्थिति सामने नहीं आती।
कई जिंदगियां हो चुकी है खत्म बावजूद नहीं ली जा रही सुध
हाईवे पर क्वारब क्षेत्र में पहाड़ी के अलावा कई अन्य स्थानों पर भी हालात विकट है। अतिसंवेदनशील लोहाली, भोर्या बैंड, पाडली, काकड़ीघाट, दो पांखी समेत कई स्थानों पर कमजोर पड़ चुकी पहाड़ीयों से बड़ा खतरा मंडरा रहा है। पूर्व में पहाड़ी के दरकने से गिरे पत्थरों की चपेट में आकर कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। दर्जनों लोग गंभीर रुप से घायल तक हो चुके हैं बावजूद सुध नहीं ली जा रही। पहाड़ियों में सुरक्षात्मक कार्यों के प्रस्ताव वर्षों से फाइलों में घुम रहे हैं।