🔳 छोटे छोटे बच्चों के होने से जंगली जानवरों के हमले का खतरा
🔳 ओखलढुंगा क्षेत्र में महिला को निवाला बना चुका है बाघ
🔳 लगातार खतरा बढ़ने के बावजूद वन विभाग बना है अनजान
🔳 कभी भी बड़ी अनहोनी सामने आने का बना है अंदेशा
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]
ब्लॉक मुख्यालय बेतालघाट से सटे सेठी- अमेल – ओखलढुगा मोटर मार्ग पर लेहड़ा क्षेत्र में बाहरी क्षेत्रों से पहुंचे श्रमिकों की जिंदगी से खुला खिलवाड़ किया जा रहा है बावजूद जिम्मेदार अनदेखी पर आमादा है। दर्जनों मजदूर नदी किनारे छोटे छोटे बच्चों के साथ झोपड़ी बनाकर डेरा डाले हैं ऐसे में जंगली जानवरों का खतरा भी बना हुआ है कुछ दिन पूर्व ही ओखलढुंगा गांव में बाघ ने एक महिला तक को निवाला बना लिया है बावजूद श्रमिकों की जिंदगी दांव पर लगाई जा रही है।
बेतालघाट व कोटाबाग ब्लॉक की सीमा पर बसे ओखलढुंगा गांव में महिला को बाघ के निवाला बना देने की घटना को अभी कुछ समय ही बीता है तो अब सेठी – अमेल- ओखलढुंगा मोटर मार्ग पर गरीब मजदूरों की जिंदगी खतरे में आ गई है। लेहड़ा क्षेत्र में खनिज पट्टे पर कार्य को पहुंचे दर्जनों श्रमिक कोसी नदी क्षेत्र में टैंट लगाकर तंबू गाढ़े है। जंगली जानवरों व गुलदार तथा बाघ से बचाव को कोई ठोस उपाय न होने से कभी भी बड़ी घटना सामने आने का खतरा भी बना हुआ है बावजूद सुध नही ली जा रही। हद तो यह है की मजदूरों के साथ उनके छोटे छोटे बच्चे भी खतरे के बीच टैंट में रहने को मजबूर हैं। पानी पीने के लिए नदी किनारे अक्सर जंगली जानवरों की आवाजाही बनी रहती है ऐसे में जानवर कभी भी श्रमिकों व उनके बच्चों पर हमलावर भी हो सकते हैं। राजस्व उपनिरीक्षक कपिल कुमार के अनुसार श्रमिकों की सुरक्षा को उचित व्यवस्था करने के साथ ही प्रकाश की उचित व्यवस्था के निर्देश भी उपखनिज पट्टा संचालक को दिए जाएंगे। लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।