🔳 बाहरी बिल्डरों पर लगाया सांठगांठ कर बड़ा षड़यंत्र रचने का आरोप
🔳 भारी भरकम मशीनों से खदान पर भविष्य में भूस्खलन का जताया अंदेशा
🔳 बेतरतीब निर्माण से पेयजल संकट पैदा होने की भी जताई चिंता
🔳 मामले को लेकर सीएम, कुमाऊं आयुक्त व जिलाधिकारी से मिलेंगे ग्रामीण
🔳 अनदेखी किए जाने पर धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल का ऐलान
🔳 गांव में पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों की संयुक्त बैठक में हुई अहम मुद्दे पर चर्चा
{{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}}

रामगढ़ ब्लॉक के बेरौली गांव में पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों की संयुक्त बैठक में गांव के ठीक उपर भारी भरकम जेसीबी मशीनों से हो रहे खदान पर चिंता व्यक्त की गई। भविष्य में पेयजल संकट व भूस्खलन का अंदेशा भी व्यक्त किया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया की बडे़ पैमाने पर हुई मिलीभगत से अनुसुचित वर्ग के लोगों की कृर्षि भूमि की खरिद फरोख्त कर जमीन का उद्देश बदल व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। सर्वसम्मति से तय हुआ की यदि जल्द निर्माण कार्यों पर रोक नहीं लगाई गई तो फिर धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल शुरु कर दी जाएगी।
शांत गांवों में बाहरी बिल्डरों की घुसपैठ चिंता का विषय बनती जा रही है। शनिवार को बेरौली गांव में हुई बैठक में बाहरी बिल्डर की मनमानी का मुद्दा जोर-शोर से उठा। वक्ताओं ने कहा की गांव के ठिक उपर स्थित अनुसुचित वर्ग के परिवारों की सौ नाली से अधिक कृर्षि भूमि को बाहरी बिल्डर ने खरीद लिया। वर्तमान में कृषि भूमि के नाम पर खरीदी गई जमीन पर भारी भरकम लोडर मशीनों से खुदाई की जा रही है जिससे भविष्य में भूस्खलन का खतरा बढ़ते ही जा रहा है। सवाल उठाए की क़ृषि भूमि का उद्देश्य बदल व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने की अनुमति आखिर कौन से अधिकारी ने दी है। कहा जिस तेजी से कार्य किया जा रहा है उससे बड़े पैमाने पर आवासीय व व्यवसायिक भवनों के निर्माण होने का अंदेशा है‌ ऐसे में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होने से पेयजल संकट बढ़ने का खतरा भी पैदा हो सकता है। क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्मला जीना ने मामले में गहरी नाराजगी जताई। आरोप लगाया की गांव के बाशिंदों के हितों से खुला खिलवाड़ किया जा रहा है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्षेत्र पंचायत सदस्य ने क़ृषि भूमि का उद्देश्य बदल व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने की अनुमति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की मांग उठाई। ग्रामीणों ने कहा की निर्माण होने के बाद गांव के भूमिया व गुरु गोरखनाथ मंदिर पर भी संकट मंडरा सकता है। तय हुआ की मामले को जिलाधिकारी, कुमाऊं आयुक्त व मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी लाया जाएगा साथ ही कृषि भूमि के क्रय विक्रय की जांच कराने तथा बेरौली गांव पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए तत्काल निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की मांग उठाई जाएगी। पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से एक स्वर में अनदेखी किए जाने पर धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल की चेतावनी भी दे डाली। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य भावना कपिल, ग्राम प्रधान शोभा कपिल, सरपंच प्रयाग सिंह जीना, पूर्व प्रधान मोहन सिंह, भीम सिंह, डिगर सिंह, खीमानंद कपिल, पूरन सिंह, हेमंत सिंह, किसन सिंह, बची सिंह, लक्ष्मी जीना, शीला देवी, दीपा देवी, हीरा देवी, बबीता जीना, नंदी देवी, माया देवी, पुष्पा देवी समेत तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।