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[[[[[[[[[[[[[ BIG BREAKING]]]]]]]]]]]]] रातीघाट – दूनीखाल – सैनिटोरियम खस्ताहाल मार्ग पर पर्यटकों की कार दुर्घटनाग्रस्त

🔳 कार के अंदर फंसे पर्यटकों को ग्रामीणों ने बामुश्किल निकाला बाहर
🔳 दो घायलों को उपचार के लिए पहुंचाया गरमपानी अस्पताल
🔳 गाजियाबाद से पहाड़ घुमने निकले थे पर्यटक
🔳 सेनिटोरियम से खतरनाक मार्ग को मोड़ ली कार
🔳 स्थानीय लोगों से सख्ती से आवाजाही प्रतिबंधित करने की उठाई मांग

[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर सेनिटोरियम क्षेत्र से रातीघाट को जोड़ने वाले खतरनाक मार्ग पर पहाड़ घुमने पहुंचे पर्यटकों की कार असंतुलित होकर पलट गई। सूचना पर पहुंचे ग्रामीणों ने दुर्घटनाग्रस्त वाहन में फंसे चार पर्यटकों को बामुश्किल बाहर निकाला। दो को प्राथमिक उपचार के लिए सीएचसी गरमपानी पहुंचाया। स्थानीय लोगों ने बगैर सुरक्षात्मक कार्य व रोड के हालात ने सुधरने तक आवाजाही सख्ती से प्रतिबंधित किए जाने की मांग उठाई है।

मंगलवार को लोनी, गाजियाबाद निवासी साजिद, सुभानु, गुल्लू व सावेज कार डीएल 8 सीवाई 8565 में सवार होकर पहाड़ की सैर पर रवाना हुए। चारों पर्यटक हाईवे पर सैनिटैरियम (भवाली) क्षेत्र में पहुंचे और कार को सैनिटोरियम से दूनिखाल – रातीघाट अस्थाई मार्ग की ओर मोड़ लिया। पर्यटकों की कार पाडली के समीप पहुंचकर एकाएक खाई की ओर पलट गई। कार के पलटने व पर्यटकों के चिल्लाने की आवाज सुन आसपास के लोग घटनास्थल की ओर दौड़े। ग्रामीणों ने जान जोखिम में डाल दुर्घटनाग्रस्त कार के अंदर फंसे चारों पर्यटकों को एक एक कर बाहर निकाला। साजिद व सुभानु को स्थानीय कमल करायत व भूपाल कुमार ने उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरमपानी पहुंचाया जहां दोनों का प्राथमिक उपचार कर छुट्टी दे दी गई। गनीमत रही की खाई की ओर पलटी कार चीढ़ के विशालकाय पेड़ से अटक गई और बड़ा हादसा टल गया। पर्यटकों के अनुसार कार के ब्रेक फेल होने व सामने से तीखा मोड़ होने से कार खाई की ओर पलट गई। स्थानीय पूरन सिंह बिष्ट, किशोर ढैला, रामदत्त सती, पूरन तिवाड़ी, पवन पांडे, पुष्कर करायत, पूरन सिंह बिष्ट आदि ने खतरनाक अस्थाई रोड पर पर्यटकों के वाहनों की आवाजाही पर नाराजगी जताई है। आरोप लगाया की सैनिटोरियम से लोगों को इस अस्थाई मार्ग पर भेजकर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। क्षेत्रवासियों ने अस्थाई मार्ग पर सुरक्षात्मक कार्य व सीसी करवाए जाने के बाद ही वाहनों की आवाजाही करवाए जाने की मांग उठाई है। अंदेशा जताया की लापरवाह रवैए से कभी भी बड़ी घटना सामने आ सकती है।

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