🔳 ताड़ीखेत गांव के ग्रामीण ने मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल पर दर्ज कराई शिकायत
🔳 चिकित्सक की फीस व जांच के नाम पर लिए 8500 रुपये
🔳 उपचार में भी बरती लापरवाही, ऋषिकेश ले जाकर बचानी पड़ी जिंदगी
🔳 ग्रामीण ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ उठाई कार्रवाई की मांग
🔳 सीएमओ ने किया जांच कर कार्रवाई का दावा
[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]
स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान योजना से पात्रों को निशुल्क इलाज का दावा तो खूब कर रहा हैं पर धरातल की स्थिति कुछ और ही हकीकत बयां कर रही है। बेतालघाट ब्लॉक के सूदूर ताड़ीखेत गांव निवासी ग्रामीण ने बेटे के इलाज में हल्द्वानी के एक निजी चिकित्सालय पर लापरवाही बरतने तथा गंभीर करीब 8500 रुपये लिए जाने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा कार्रवाई की मांग भी उठाई है। कहा है की आयुष्मान योजना से बेटे का ईलाज किए जाने के बावजूद पैसे लिए गए हैं। ऋषिकेश ले जाने के बाद बेटे की जिंदगी बामुश्किल बची है। सीएमओ डा. हरीश पंत के अनुसार मामले की जांच करवाई जाएगी। आरोप सही हुए तो निश्चित रुप से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य की प्रदेश सरकार ने गरीबों व जरुरतमंदों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को आयुष्मान योजना शुरु की है। समय समय पर सरकार व स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान योजना से लाभान्वित लोगों का ब्योरा सार्वजनिक भी करती है ताकी लोगों को योजना से मिल रही सुविधाओं की जानकारी मिल सके। प्रत्येक निजी व सरकारी अस्पतालों में बड़े बड़े बोर्ड भी लगाए गए हैं ताकी लोगों को योजना के संबंध में जानकारी मिल सके। महत्वाकांक्षी योजना से गांवो के लोग लाभान्वित भी हो रहे हैं पर बेतालघाट ब्लॉक के ताड़ीखेत गांव निवासी ललित प्रसाद ने हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल पर गंभीर आरोप लगा स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है। ललित प्रसाद ने बकायदा मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठाई है। शिकायत में बताया है की पिछले दिनों वह अपने पुत्र हिमांशु को न्योरो से संबंधित समस्या के इलाज के लिए हल्द्वानी ले गए जहां एक निजी चिकित्सालय में आयुष्मान योजना के तहत ईलाज करवाना। अस्पताल प्रबंधन ने बेटे की जांच व डाक्टर की फीस के नाम पर 8500 रुपये ले लिए। दवाईयों के लिए भी 3500 रुपये देने का दबाव बनाया। आरोप लगाया की बेटे का ठिक ढंग से उपचार भी नहीं किया गया। बेटे हिमांशु को ऋषिकेश ले जाने के बाद उसे बेहतर इलाज मिल सका। ललित प्रसाद ने मामले में कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है। मुख्य चिकित्साधिकारी नैनीताल डा. हरीश पंत के अनुसार अभी मामला संज्ञान में नहीं है। जांच करवाई जाएगी। शिकायत सही पाई गई तो निश्चित रुप से अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।