🔳 गोवंशीय पशु का बीमा करने के बाद अब नहीं मिल रहा क्लेम
🔳 बीमा कंपनी दे रही सरकार से सब्सिडी न मिलने का हवाला
🔳 पशुपालकों के नाम कंपनी ने जारी कर दिया लंबा चौड़ा पत्र
🔳 पशुपालकों ने बीमा के नाम पर ठगने का लगाया आरोप
🔳 न्याय के लिए न्यायालय के दरवाजे खटखटाने की चेतावनी
[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]

खेतीबाड़ी में नुकसान से गांवों में आय का एकमात्र जरिया पशुपालन भी अब संकट में है। जंगली जानवरों से पशुओं के मारे जाने से पशुपालक नुकसान उठा है वहीं इंश्योरेंस कंपनी जले में नमक छिड़क रही है। समय पर बीमा कराने के बाद भी क्लेम न मिलने से पशुपालक मायूस हैं। कंपनी के फरमान से ग्रामीणों ने गहरा रोष व्याप्त है। पशुपालकों व ग्रामीणों ने मनमानी कर आरोप लगा न्याय के लिए अब न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बना लिया है।
रामगढ़ ब्लॉक के बजुठिया गांव के पशुपालकों ने द ओरियंटल इंसोरेंस कंपनी लिमिटेड से अपने पशुओं का बीमा करवाया। गांव के हरेंद्र सिंह ने भी भविष्य को देख मई 2024 में अपने गौवंशीय पशु का बीमा करवा लिया। सभी नियम पूरे कराने के बाद सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों में हस्ताक्षर भी किए बकायदा दो महीने की प्रिमियम की राशि भी जमा कर दी। अगस्त में गोवंशीय पशु की सांप के डंसने से मौत हो गई। पशुपालक हरेन्द्र सिंह ने क्लेम की धनराशि के लिए कंपनी से संपर्क साधा पर कंपनी से बीमा निरस्त हो जाने का अटपटा जवाब मिला। हरेन्द्र सिंह ने आरोप लगाया की उनके साथ ही दो और पशुपालकों ने बीमा करवाया। दोनों को बीमा मिल गया पर उन्हें बीमा निरस्त होने की जानकारी दी गई है। पशुपालक ने कंपनी पर सौतेले रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया है। स्थानीय करन सिंह, कुबेर सिंह जीना के अनुसार पशुपालक ने सभी नियमों को पूरा करने के बाद प्रिमियम राशि भी जमा की है पर अब क्लेम न देकर कंपनी उत्पीड़न पर आमादा है। गांव के लोगों ने भी न्याय के लिए न्यायालय की शरण में जाने का ऐलान किया है। दो टूक कहा की कंपनी की मनमानी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के प्रबंधक जसवंत सिंह के अनुसार राज्य सरकार से मिलने वाली सब्सिडी 16 अगस्त को मिला। इसी के अनुसार पॉलिसी लागू हुई। उससे पहले पशु की मृत्यु पर बीमा लागू नहीं हुआ है। पशुपालक को भी पत्र भेज दिया गया है। ऐसे लगभग डेढ़ से मामले हैं।

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