🔳 प्रशासक बनाकर छल किए जाने का लगाया आरोप
🔳 लंबित भुगतान तक न होने से आर्थिक स्थिति बिगड़ने का दिया हवाला
🔳 पूर्व की भांति पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार दिए जाने की उठाई मांग
🔳 अनदेखी पर आंदोलन का बिगुल फूंकने का लगाया आरोप
[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]
ग्राम प्रधानों को प्रशासक बनाकर वित्तीय अधिकार न दिए जाने से अब पंचायत प्रतिनिधियों का सब्र जवाब देने लगा है। रामगढ़ ब्लॉक के तमाम गांवों के निवर्तमान ग्राम प्रधानों ने अधिकार न दिए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। आरोप लगाया की गांवों में विकास कार्य ठप पड़ चुके हैं। पूर्ण हो चुके कार्यो का भुगतान न होने से तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निवर्तमान प्रधानों ने पूर्व की भांति अधिकार बाहल किए जाने की मांग उठाई है। अनदेखी पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रधान संगठन के प्रांतीय नेतृत्व के लंबे संघर्ष के बाद सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष के बाद प्रधानों को भी प्रशासक बनाए रखने का निर्णय लिया। प्रशासक बनाए जाने के निर्णय के बाद पंचायत प्रतिनिधियों को राहत मिली पर वित्तीय अधिकार न मिलने से राहत कुछ दिन में ही काफूर हो गई। रामगढ़ ब्लॉक के प्रधानों ने वित्तीय अधिकार न मिलने से गांवों में विकास कार्य ठप हो जाने का आरोप लगा नाराजगी व्यक्त की है। आरोप लगाया है की लंबित भुगतान न होने से आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है वहीं विकास कार्य भी ठप पड़ चुके हैं। ग्राम पंचायत सिरसा की निवर्तमान ग्राम प्रधान इंदु जीना, कूल के नवीन, चोपड़ा के अजय कुमार, सुयालबाड़ी हंसा सुयाल, कमोली तरुण कांडपाल, गंगरकोट माया देवी, मनर्सा भारती देवी, अर्जुन सिंह आदि ने प्रशासक के नाम पर छल किए जाने का आरोप लगाया है। जल्द पूर्व की भांति वित्तीय अधिकार बहाल किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है की यदि जल्द अधिकार बाहल नहीं किए गए तो मजबूरन आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।