🔳 राजौरी सेक्टर में आतंकियों को खदेड़ शहीद हुए थे संजय
🔳 शहीद के पैतृक गांव को जोड़ने वाली सड़क पर भी नहीं बन सका शहीद द्वारा
🔳 तंत्र की अनदेखी पर स्वजनों व क्षेत्रवासियों में नाराजगी
🔳 विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने उठाई घोषणा अनुसार जल्द कार्य करवाने की मांग
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]

मां भारती की आन, बान, शान को सर्वोच्च बलिदान करने वाले जांबाज शहीद संजय सिंह बिष्ट के नाम से जीआईसी रातीघाट का नाम रखने तथा शहीद के पैतृक गांव को जोड़ने वाले हली – हरतपा मोटर मार्ग पर शहीद द्वारा निर्माण की मुख्यमंत्री घोषणा के बाद भी अब तक सुध न लिए जाने से क्षेत्रवासियों में नाराजगी बढ़ने लगी है। शहीद के स्वजनों व विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने मुख्यमंत्री घोषणा के अनुसार जल्द कार्य किए जाने पर जोर दिया। व्यापारियों न अनदेखी पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
जम्मू के राजौरी सेक्टर में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में अपने शोर्य व पराक्रम से दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के बाद अपना सर्वोच्च बलिदान कर देने वाले रातीघाट निवासी जांबाज शहीद संजय सिंह बिष्ट के नाम पर राजकीय इंटर कॉलेज रातीघाट का नामकरण किए जाने की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा को लगभग एक वर्ष का समय बीतने के बावजूद आज तक तंत्र सुध ही नहीं ले सका। देश की खातिर प्राणों की आहुति देने वाले जांबाज शहीद के साथ सौतेला रवैया अपनाए जाने से तमाम गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। क्षेत्रीय जन विकास संघर्ष समिति के विरेन्द्र सिंह बिष्ट ने आरोप लगाया है की मुख्यमंत्री घोषणा की ही सुध न लेना समझ से परे है। हली हरतपा मोटर मार्ग पर आज तक शहीद द्वार का निर्माण तक न होना विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली की हकीकत बयां कर रहा है। अनदेखी पर स्वजनों ने भी नाराजगी जताई है। स्थानीय तारा सिंह, पूरन सिंह बिष्ट, गजेंद्र सिंह, डीके सती, नीरज बिष्ट, विनोद मेहरा, गोविन्द सिंह, मनीष तिवारी आदि ने जल्द जीआइसी रातीघाट को शहीद का नाम देने तथा पैतृक गांव को जोड़ने वाले मोटर मार्ग पर शहीद द्वारा का निर्माण किए जाने की मांग उठाई है।