🔳 1500 कुंतल आलू के बीज की डिमांड के सापेक्ष मिला 350 कुंतल
🔳 बीज उपलब्ध न होने से किसान बाजार से महंगे दामों पर खरीदने को मजबूर
🔳 विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों व किसानों में भारी नाराजगी
🔳 विभाग पर लगाया उपेक्षा किए जाने का आरोप
🔳 मुख्य उद्यान अधिकारी बोले – जितना मिला उतना किया गया वितरित
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]

किसानों की आय दोगुनी करने के लाख दावे किए जाएं पर धरातल में दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं। जनपद में इस वर्ष आलू का बीज उपलब्ध न मिलने से किसान मायूस हैं। मजबूरी में बाजार से महंगे दामों में बीच खरीद बुआई में जुटे हैं। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी ने इसे किसानों की उपेक्षा करार दिया है। मुख्य उद्यान अधिकारी डा. रजनीश सिंह के अनुसार निदेशालय से ही महज 350 कुंतल बीज उपलब्ध हो सका। जबकि 1500 कुंतल की डिमांड उपलब्ध कराई गई थी।
पर्वतीय क्षेत्रों के किसान लगातार नुकसान की मार झेल रहे हैं। कभी आपदा किसानों के ज़ख्मों को हरा कर दे रही है तो कभी जंगली जानवर खेतों को रौंद उपज को बर्बाद कर दे रहे हैं। लगातार नुकसान होने के बाद भी किसान सब ठिक होने की उम्मीद ले खेतों को रुख कर रहे पर अब तंत्र की मार किसानों के लिए परेशानी बन चुकी है। लंबे समय से नैनीताल जनपद के विभिन्न विकासखंडों के किसान बुआई के लिए आलू के बीज का इंतजार कर रहे थे। खेतों को बुआई के लिए तैयार भी कर लिया गया था। उम्मीद थी की बेहतर उत्पादन से नुकसान की भरपाई हो सकेगी पर लंबे इंतजार के बाद भी किसानों को समुचित बीज उपलब्ध नहीं हो सका ऐसे में मजबूरी में किसानों को बाजार में मंहगी किमतो पर बिकने वाले बीज पर निर्भर होना पड़ा। समुचित बीज उपलब्ध न होने से किसानों में गहरा रोष व्याप्त है।प्रगतिशील किसान कृपाल सिंह मेहरा ने आरोप लगाया कि लगातार किसानों के हितों से खिलवाड़ किया जा रहा है जबकि दावे आए दोगुने करने के किया जा रहे हैं। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी ने विभागीय उपेक्षा पर नाराजगी जताई है। प्रदेश सचिव के अनुसार यदि समुचित बीज उपलब्ध ही नहीं करना था तो समय से किसानों को जानकारी दी जानी चाहिए थी। मुख्य उद्यान अधिकारी डा. रजनीश सिंह के अनुसार जनपद के किसानों के लिए पंद्रह सौ कुंतल आलू के बीच की डिमांड निदेशालय को भेजी गई थी महज साढ़े तीन सौ कुंतल ही बीच उपलब्ध हो सका। जनपद के सभी 28 केंद्रों पर बीज उपलब्ध कराया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *