🔳 क्रश बैरियर स्थापित करने के कार्य में लापरवाही का आरोप
🔳 छह करोड़ रुपये के बजट से किया गया है कार्य
🔳 तीखे मोड़ो पर खतरे वाले क्षेत्रों की अनदेखी पर ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
🔳 सरकारी बजट से मनमाने ढंग से कार्य किए जाने पर जताया रोष
[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण सुयालबाडी – ओडा़खान मोटर मार्ग पर छह करोड़ रुपये की भारी भरकम लागत के बजट से क्रश बैरियर लगाए जाने के कार्य में खतरे वाले स्थानों की अनदेखी से ग्रामीणों का पारा चढ़ गया है। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप लगा जनहित से खिलवाड़ किए जाने का आरोप लगाया है। कहा की खतरे वाले स्थानों पर क्रश बैरियर न लगाकर बड़ी घटना को न्यौता दिया जा रहा है। जल्द क्रश बैरियर लगाकर खतरा टालने की मांग उठाई है।
सुयालबाडी – ओडाखान मोटर मार्ग पर ढोकाने, बसगांव, छीमी, बलूटिया, समेत दर्जनों गांवों के ग्रामीण आवाजाही करते हैं। कई पर्यटक स्थलों को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण मार्ग होने से पर्यटकों के वाहन भी इसी रोड से आवाजाही करते हैं। गांवों के किसान भी इसी सड़क से उपज को हाईवे तक पहुंचाते हैं जहां से फिर उपज को हल्द्वानी, रामनगर, काशीपुर आदि क्षेत्रों को भेजा जाता है। सरकार ने मोटर मार्ग की महत्वत्ता को देख सुरक्षित आवाजाही को क्रश बैरियर स्थापित करने को करीब छह करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृति दी। तय समय पर कार्य शुरु होने के साथ ही कार्य विवादों से घिर गया। कई स्थानों पर कच्चे स्थानों पर क्रश बैरियर लगाए जाने का मामला तूल पकड़ने के बाद अब खतरे वाले स्थानों पर सुरक्षित आवाजाही को क्रश बैरियर न लगाए जाने पर अब ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है। आरोप लगाया है की कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद खतरे वाले स्थानों पर सुरक्षा कार्यों की अनदेखी की गई है। बजूठिया गांव के समीप ही तीखे मोड़ पर सुरक्षा के कोई प्रबंध न कर दुर्घटना को आमंत्रण दिया जा रहा है। स्थानीय करन सिंह, महेंद्र सिंह, भूपेंद्र, हरीश नेगी, कुबेर सिंह आदि ने खतरे वाले स्थानों पर क्रश बैरियर स्थापित किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है ताकि भविष्य के खतरे को टाला जा सके। दो टूक चेतावनी दी है की जनहित से जुड़े कार्यों में मनमानी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ग्रामीणों ने खतरे वाले स्थानों पर भी क्रश बैरियर स्थापित किए जाने की मांग उठाई है। अनदेखी पर आंदोलन की चेतावनी दी है।