🔳 पर्वतीय सड़कों पर विकट है हालात, जोखिम में है जिंदगी
🔳 सुरक्षित यातायात के उपाय है नदारद, पत्थर व मिट्टी के ढेर से हो रही सुरक्षा
🔳 सल्ट बस हादसे के बाद भी नहीं टूट रही अफसरों की नींद
🔳 विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने जताई नाराजगी
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]
कोसी घाटी क्षेत्र में सड़कों की हालत दयनीय है। आवाजाही कर रहे लोग भगवान भरोसे यात्रा को मजबूर हैं। कदम कदम पर गड्डे अग्नि परीक्षा ले रहे हैं तो वहीं खतरनाक स्थानों पर पैराफिट व क्रश बैरियर न लगे होने से आवाजाही खतरनाक हो चुकी है। सल्ट में दर्दनाक हादसा सामने आने के बावजूद जिम्मेदार अफसरों की नींद नहीं टूट रही। मजबूरी में लोग जान हथेली पर रख आवाजाही को मजबूर हो चुके हैं।
बेतालघाट ब्लॉक के सैकड़ों गांवों को जोड़ने वाली दर्जनों सड़कें हो या महत्वपूर्ण अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे तथा रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे सभी के हालात एक जैसे हैं। समय समय पर मरम्मत व सुरक्षा संबंधी कार्यों के नाम पर मोटा बजट खर्च होने के बाद आज तक हालातों में सुधार नहीं हो सका। कई जिंदगियां खत्म होने व कई लोगों के गंभीर रुप से घायल हो जाने के बाद भी सड़कों की सुध नहीं ली जा सकी है। आलम यह है जिन स्थानों पर पूर्व में दुर्घटनाएं हुई है वहां विभागीय अधिकारियों ने सुरक्षा के नाम पर या तो मिट्टी का ढेर लगा दिया है या फिर कुछ पत्थर रख इतिश्री कर दी गई है पर सुरक्षा के नाम पर ठोस उपाय करना अफसर भूल गए हैं। अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली का खामियाजा आवाजाही करने वाले लोग भुगत रहे हैं। कभी भी बड़ी अनहोनी का अंदेशा बना हुआ है बावजूद जिम्मेदार अफसरों की नींद नहीं टूट रही। कोसी घाटी जन विकास समिति के दयाल सिंह, क्षेत्रिय जन विकास संघर्ष समिति के विरेन्द्र सिंह, व्यापारी नेता मनीष तिवारी, गजेन्द्र सिंह, विनोद मेहरा, गोविन्द नेगी, फिरोज अहमद, राकेश जलाल, दीवान सिंह आदि, चंदन सिंह, संजय सिंह आदि ने अधिकारियों पर जनहित से खिलवाड़ का आरोप लगा सड़कों की हालत पर रोष जताया है। जल्द सड़कों की दशा में सुधार किए जाने की मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है की यदि जल्द सड़कों पर सुरक्षित यातायात के ठोस उपाय के साथ ही सड़कों की स्थिति सुधारने को ठोस उपाय नहीं किए गए तो पूरे क्षेत्र में जनांदोलन शुरु कर दिया जाएगा।