🔳 पेड़ों पर लगाए जा रहे मानक से अधिक कूप
🔳 सरकार व विभाग को लगाई जा रही राजस्व की चपत
🔳 मामले में कार्रवाई किए जाने की उठी मांग
[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]]
मुनाफे के फेर में चीड़ के पेड़ों को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। लीसा निकालने के लिए पेड़ों पर नियमों की धज्जियां उड़ाकर मानक से अधिक कूप लगाकर पेड़ों को जख्मी किया जा रहा है बावजूद वन विभाग के अधिकारी कुंभकरणीय नींद में है।
वन विभाग जंगलों से लीसा निकासी के जरिए सरकार को राजस्व उपलब्ध कराने को टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से पंजीकृत ठेकेदारों को जिम्मेदारी सौंपता है। प्रतिवर्ष जंगलों से लीसा निकासी कर सरकार को राजस्व उपलब्ध कराया जाता है। इसके उल्ट जंगलों में नियमों को ताक पर लीसा चोरी करने वाले तस्करों ने भी सक्रियता बढ़ गई है। जंगलों में चीड़ के पेड़ों पर अनगिनत घाव कर लीसा निकाल सरकार को भी राजस्व की चपत लगाई जा रही है वहीं पेड़ पर नियमों के उलट तीन कूप स्थापित किए जा रहे हैं। घने जंगलों में तो हालात और विकट होने का अंदेशा है। ग्रामीणों का आरोप है की पेड़ों को नुकसान पहुंचाकर लीसा चोरी किया जा रहा है बावजूद वन विभाग की नींद नहीं टूट रही। ग्रामीणों ने वन संपदा की खुली लूट के बाद भी कार्रवाई न होने पर विभागीय कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। बेतालघाट, रामगढ़ व ताड़ीखेत ब्लॉक के जंगलों में पेड़ों पर लगे कूपों की गिनती कर नियमों के उलट कूप लगाए जाने पर कार्रवाई पर जोर दिया है।