🔳मानसून की पहली बारिश में ही जवाब दे गया हाटमिक्स व पेंचवर्क कार्य
🔳भारी भरकम बजट के बावजूद हाइवे की हालत खस्ताहाल
🔳बगैर विशेषज्ञों की निगरानी में काटी गई पहाड़ी भी बन चुकी चुनौती
🔳चार वर्ष तक हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहना अब पड़ रहा भारी
🔳विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों में हाइवे की बिगड़ती स्थिति से नाराजगी
🔳अधिशासी अभियंता का दावा गुणवत्ताविहीन कार्य पर रोका जाएगा ठेकेदार का भुगतान

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

कुमाऊं के अहम राजमार्गों में शुमार अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर जहां जर्जर हो चुकी पहाड़ियां खतरे का सबब बन चुकी है वहीं जिम्मेदार अफसरों की अनदेखी से भी हाइवे कराह रहा है‌। अफसरों की उदासीन कार्यप्रणाली से चार वर्ष पूर्व आपदा से हुए नुकसान की भरपाई आज तक नहीं हो सकी है तो वहीं अब भारी भरकम बजट से हुआ हाटमिक्स व पेंचवर्क भी जगह जगह जवाब दे गया है। गुणवत्ताविहीन कार्य से जोखिम दोगुना बढ़ चुका है। आवाजाही कर रहे लोग जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हो चुके हैं। विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर गहरा रोष जताया है।

मानसून की पहली बारिश में ही अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे की बदहाली सामने आ गई है। बीते चार वर्ष से उपचार के इंतजार में कराह रहे हाइवे पर कदम कदम पर आवाजाही खतरनाक हो चुकी है। जिम्मेदारों की अनदेखी अब लोगों पर भारी पड़ रही है। गुणवत्ता के अभाव में किए गए कार्य भी दम तोड़ते जा रहे हैं। 39 करोड़ रुपये का भारी भरकम बजट मिलने के बाद भी महत्वपूर्ण हाइवे खस्ताहाल है। कुछ महीने पहले ही कैंची व भोर्या बैंड तथा रामगाढ़ क्षेत्र में किया गए हाटमिक्स व पेंचवर्क की परतें पहले ही बारिश में उखड़ गई है। गहरे गड्ढे हो जाने से दुर्घटना का खतरा भी बढ़ता ही जा रहा है। बावजूद जिम्मेदार अफसर आंखें मूंदे बैठे हैं। महत्वपूर्ण हाइवे की बिगड़ती हालत से विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों का पारा भी चढ़ गया है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कुबेर सिंह जीना, शेखर दानी, गजेन्द्र सिंह, गोविन्द सिंह आदि के अनुसार घटिया कार्य कर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। जगह जगह हाटमिक्स व पेंचवर्क उखड़ने भी लगा है। कछुवा गति से किए जा रहे कार्यों से दुर्घटना का जोखिम भी बढ़ गया है बावजूद सुध नहीं ली जा रही। जिम्मेदारों की अनदेखी का खामियाजा आवाजाही करने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है।आरोप लगाया की बजट उपलब्ध होने के बाद हाइवे की स्थिति बिगड़ती जा रही है। एनएच के अधिशासी अभियंता प्रवीन कुमार के अनुसार गुणवत्ताविहीन कार्य बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। साफ कहा की ठेकेदार का भुगतान भी रोका जाएगा।

अतिसंवेदनशील दोपांखी की पहाड़ी ले रही अग्निपरीक्षा

हाइवे पर लगातार बिगड़ते हालातों के बीच अतिसंवेदनशील दो पांखी क्षेत्र में चौड़ीकरण के लिए भारी भरकम लोडर मशीनों से बेतरतीब ढंग से काटी गई पहाड़ी भी मुसीबत का सबब बन चुकी है। चार वर्ष पूर्व आपदा से हाइवे के ध्वस्त होने के बाद लंबे समय तक वन वे आवाजाही संचालित होती रही। बरसात से ठिक पहले कई चरणों में पहाड़ी काट डाली गई। व्यापारी नेता विरेन्द्र सिंह बिष्ट के अनुसार आपदा के बाद लंबे समय तक सुध नहीं ली गई और फिर बगैर किसी विशेषज्ञ की निगरानी के पहाड़ी काट डाली गई। बारिश होने पर अब पहाड़ी से लगातार गिर रहे पत्थर खतरे का सबब बन चुके है‌‌। मनीष तिवारी, गजेन्द्र सिंह नेगी के अनुसार यदि समय रहते विशेषज्ञ की निगरानी में पहाड़ी काट दी गई होती तो पहाड़ी के उपचार को भी समय मिल जाता पर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से आज तक कार्य पूरा नहीं है‌।

स्थाई समाधान न कर रुट डायवर्ट किए जाने से लोग परेशान

रुट डायवर्ट किए जाने से गरमपानी खैरना, नावली, जौरासी, सुयालबाड़ी, भुजान, बेतालघाट समेत तमाम गांवों व रानीखेत , अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ को आवाजाही करने वाले लोग परेशान है। जहां एक ओर लोगों को वाया रामगढ़ – नथुआखान होते हुए अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही रही है वहीं सब्जी व रसद सामग्री लेकर पहाड़ को आवाजाही करने वाले वाहन चालकों को भी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय किसानों को भी उपज को बड़ी मंडियों तक भेजने में अतिरिक्त किराया भुगतान करना मजबूरी बन चुका है।