🔳 रुट डायवर्ट कर खैरना से वाया रानीखेत भेजे गए वाहन
🔳 यात्रियों व पर्यटकों को करना पड़ा परेशानियों का सामना
🔳 दो जेसीबी मशीनों से बामुश्किल मलबा हटाकर आवाजाही की जा सकी सुचारु
🔳 हाइवे पर लगी रही वाहनों की लंबी कतार
🔳 व्यापारियों ने पहाड़ी से भूस्खलन रोकने को ठोस उपाय किए जाने की उठाई मांग
[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]]]
नैनीताल व अल्मोड़ा जनपद की सीमा पर खतरा बन चुकी पहाड़ी एक बार फिर दरक गई। पहाड़ी से मलबा व बोल्डर गिरने से अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर आवाजाही ठप हो गई। पुलिस ने खैरना से रुट डायवर्ट कर वाया रानीखेत होते हुए वाहनों को अल्मोड़ा की ओर भेजा। दो जेसीबी मशीनों की मदद से बामुश्किल मलबा हटाए जाने के बाद करीब पांच घंटे बाद हाईवे पर यातायात सुचारु हो सका। आवाजाही सुचारु होने पर यात्रियों ने राहत की सांस ली।
क्वारब क्षेत्र में खतरा बन चुकी पहाड़ी गुरुवार सुबह एक बार फिर दरक गई। एकाएक हुए भूस्खलन से भारी मलबा व बोल्डर हाईवे पर आ गिरा। गनीमत रही की आवाजाही कर रहे वाहन चपेट में नही आए और बड़ा हादसा टल गया। आवाजाही ठप होने से दोनों ओर छोटे बड़े वाहनों की कतार लगती चली गई। यात्री वाहन जहां तहां फंस गए। सूचना पर क्वारब चौकी प्रभारी गोविदी टम्टा मय टीम मौके पर पहुंची। जेसीबी मशीन बुलवाई गई साथ ही खैरना पुलिस से संपर्क साध वाहनों को वाया रानीखेत होते हुए भेजने को कहा गया। हरकत में आईं खैरना पुलिस की टीम ने भी रुट डायवर्ट कर वाहनों को वाया रानीखेत होते हुए अल्मोड़ा की ओर भेजना शुरु कर दिया। कुछ देर बाद दूसरी जेसीबी मशीन भी मौके पर पहुंच गई। पहाड़ी से लगातार पत्थर व मलबा गिरने से कई बार मशीन चालकों को पीछे हटना पड़ा। कड़ी मशक्कत के बाद तकरीबन 11 बजे हाइवे से मलबा हटाया जा सका। आवाजाही शुरु होने से यात्रियों ने राहत की सांस ली। व्यापारी नेता कुबेर सिंह जीना, पंकज नेगी, दीक्षय जोशी, भास्कर कर्नाटक, गोपाल सिंह कनवाल आदि ने दरक रही पहाड़ी का उपचार किए जाने तथा सुरक्षित यातायात के ठोस उपाय करने की पुरजोर मांग उठाई है।