🔳 तमाम लोगों को घायल करने के बाद अब बच्चों पर हुए हमलावर
🔳 बच्चों पर कटखने बंदरों के हमले से गांव में हड़कंप
🔳 लहुलुहान हालत में उपचार के लिए पहुंचाया गया अस्पताल
🔳 बच्चों के पेट व हाथ में कटखने बंदरों के हमले के गहरे निशान
🔳 एक दर्जन से भी अधिक लोगों को पूर्व में घायल कर चुके हैं बंदर
[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]
बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में कटखने बंदरों का आंतक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। विद्यालय से घर लौट रहे तल्लाकोट गांव के दो नौनिहालों पर बंदर के झुंड ने हमला बोल दिया। स्थानीय लोगों ने बामुश्किल बच्चों को बंदरों के झुंड से छुड़वाया। उपचार के लिए दोनों को सीएचसी गरमपानी ले जाया गया। चिकित्सकों ने दोनों बच्चों का उपचार किया। एक बच्चे के पेट तो दूसरे के हाथ में जख्मों के गहरे निशान हैं।
गांवों में कटखने बंदर ग्रामीणों के लिए परेशानी बन चुके हैं। बेतालघाट ब्लॉक के तल्लाकोट, मल्लाकोट व बादरकोट, पनौराकोट समेत आसपास के गांवों में कटखने बंदर कई लोगों को घायल कर चुके हैं। मंगलवार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय से तल्लाकोट गांव की ओर लौट रहे चौथी कक्षा में पढ़ने वाले सूरज जलाल व निजी विद्यालय के एलकेजी के छात्र गणेश जलाल पर गांव के रास्ते पर कटखने बंदरो ने हमला कर दिया। बच्चों पर बंदरों के झपटने से हड़कंप मच गया। चीख पुकार सुन आसपास के लोग मौके की ओर दौड़े। बामुश्किल बच्चों को बंदरों के चंगुल से आजाद करवाया। सूचना पर पहुंचे स्वजनों ने लहुलुहान हालत में निजी वाहन से दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरमपानी पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने दोनों बच्चों का प्राथमिक उपचार किया। बच्चों के पेट व हाथों में बंदरो के हमले के गहरे निशान हैं। आरटीआई कार्यकर्ता कृपाल सिंह मेहरा ने वन विभाग से बंदरों के आंतक से निजात दिलाने की मांग उठाई है। समय रहते ठोस कदम न उठाए जाने पर कभी भी बड़ी घटना के सामने आने का अंदेशा जताया है।