🔳 महज 12 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर यात्री पहुंच सकते हैं काकड़ीघाट
🔳 वाया रानीखेत होते हुए 80 किमी की दूरी तय कर खैरना पहुंचना बना मजबूरी
🔳 क्वारब क्षेत्र में पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन से खड़ी हो रही समस्या
🔳 पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापारियों ने भी वैकल्पिक मार्ग को दुरुस्त करने पर दिया जोर
[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]

नैनीताल व अल्मोड़ा जनपद की सीमा पर क्वारब क्षेत्र में विकराल रुप ले चुकी पहाड़ी से आए दिन आवाजाही प्रभावित होने से काकड़ीघाट – खूंट मोटर मार्ग हाइवे का बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। मोटर मार्ग से आवाजाही में यात्रियों को महज बारह किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी। पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापारियों ने भी वैकल्पिक मोटर मार्ग को दुरुस्त करने की मांग उठाई है ताकि हाइवे पर आवाजाही प्रभावित होने पर यात्री काकड़ीघाट से अल्मोड़ा का सफर तय कर सके।
क्वारब क्षेत्र में लगातार दरक रही पहाड़ी परेशानी का सबब बन चुकी है। लगातार मलबा व पत्थर गिरने बड़ी घटना का अंदेशा बना हुआ है जबकि घंटों आवाजाही भी ठप हो जा रही है। यातायात ठप होने से यात्रियों को अस्सी किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर गरमपानी तक पहुंचना पड़ रहा है। जिसमें लोगों का काफि समय बर्बाद भी हो रहा है। ऐसे में काकड़ीघाट से बेड़गांव होते हुए चौसली तक पहुंचने वाला काकड़ीघाट – खूंट मोटर मार्ग एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। महज बारह किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर अल्मोड़ा से हल्द्वानी जाने वाले वाहन काकड़ीघाट पहुंच सकेंगे जबकि काकड़ीघाट से महज दस किमी दूरी तय कर खैरना तक पहुंचा जा सकेगा। क्वारब क्षेत्र में दरक रही पहाड़ी के उपचार तक काकड़ीघाट – खूंट मोटर मार्ग हाइवे का एक बेहतर विकल्प बन सकता है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कुबेर सिंह जीना, व्यापारी नेता गोपाल सिंह कनवाल, पंकज नेगी, विरेन्द्र सिंह बिष्ट, मनीष तिवारी, फिरोज अहमद, राकेश जलाल, विक्रम सिंह बिष्ट आदि ने काकड़ीघाट खूंट मोटर को दुरुस्त किए जाने पर जोर दिया है ताकी यात्री वाहन सुरक्षित आवाजाही कर सके तथा वाया रानीखेत होते हुए आवाजाही से बचा जा सके।

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