🔳 श्रीराम राम मंदिर से सोमवारी आश्रम तक निकाली गई भव्य कलश यात्रा
🔳देवाधिदेव महादेव के जयकारों से गुंजायमान हुआ समूचा क्षेत्र
🔳विशेष मंत्रोच्चार के साथ क्षेत्र की सुख, शांति व समृद्धि को हुई प्रार्थना
🔳कथा श्रवण को आसपास के गांवों से शिवालय पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालु
🔳तीन अगस्त को भंडारे के साथ होगा कथा का पारायण

{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}}

देवाधिदेव महादेव के जयकारों से कोसी घाटी गूंजायमान हो उठी। जीवनदायिनी कोसी व पवित्र शिप्रा नदी के संगम तट पर स्थित सोमवार आश्रम, गुफा महादेव खैरना में विधी विधान के साथ शिवमहापुराण कथा ज्ञान यज्ञ का श्रीगणेश हो गया। महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में कलश यात्रा निकाली। देर शाम तक भजन कीर्तनों का दौर जारी रहा। कथा श्रवण को आसपास के गांवों से आस्था का सैलाब उमड़ा।
बुधवार को धर्माचार्य भानू पांडे व कमल पांडे ने यजमान दीप चंद्र त्रिपाठी, देवेश कांडपाल, दीपक गोस्वामी से विधि विधान से धार्मिक अनुष्ठान पूरे कराए। विशेष मंत्रोच्चार के साथ क्षेत्र की सुख, शांति व समृद्धि को प्रार्थना की गई। महिलाओं ने गरमपानी स्थित श्रीराम मंदिर से शिवालय तक भव्य कलश यात्रा निकाली। स्कूली नौनिहालों ने वाद्ययंत्रों के साथ झांकियां निकाली। भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश के वेश में सजे-धजे नौनिहालों ने ध्यान खिंचा। देवाधिदेव महादेव के जयकारों के साथ शिवालय पहुंची कलश यात्रा का पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया। कथा व्यास आचार्य कैलाश चंद्र भट्ट ने भगवान शिव की लीलाओं का गुणगान किया। कहा की जिस क्षेत्र में बाबा भोलेनाथ की सच्चे मन से अराधना होती है वह क्षेत्र तमाम आपदाओं से मुक्त हो जाता है। कथा व्यास ने श्रद्धालुओं से सनातन धर्म की रक्षा को आगे आने का आह्वान किया। कथा श्रवण को मझेडा, डोबा, छड़ा, रातीघाट, रामगाढ़, बारगल, कफूल्टा, गरजोली, जजूला, लोहाली, सुयालबाडी समेत तमाम गांवों से सैकड़ों शिवभक्त शिवालय पहुंचे। भजन कीर्तन से माहौल भक्तिमय बना रहा। तीन अगस्त को हवन, पूर्णाहुति व महाआरती के बाद भंडारा लगेगा। इस दौरान जिंप सदस्य अंकित साह, प्रताप सिंह गौणी, भूपेश बिष्ट, त्रिभुवन पाठक, प्रेम नाथ गोस्वामी, सुरेश तिवारी, मदन मोहन कैड़ा, मोहन मूर्ति, मदन सुयाल, बचे सिंह पिनारी, नरेंद्र सिंह पिनारी, भूपाल सिंह, राजेंद्र प्रसाद, गगन, भास्कर तिवारी आदि व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। चौकी पुलिस खैरना की टीम भी मुस्तैद रही।