🔳 चार करोड़ से किया गया है सिंचाई योजना का निर्माण
🔳 तीन करोड़ रुपये से बनी है पेयजल योजना
🔳 बेतालघाट ब्लॉक के मल्ला गांव में दोनों योजनाओं का बुरा हाल
🔳 ग्रामीण कई बार उठा चुके आवाज बावजूद जिम्मेदार अनदेखी पर आमादा
🔳 एसडीएम बोले – दोनों योजनाओं की करवाई जाएगी जांच
[[[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]
बेतालघाट ब्लॉक के मल्ला गांव में किसानों के खेतों तक सिंचाई व हलक तर करने को लगभग सात करोड़ रुपये की भारी-भरकम लागत से बनी योजनाएं बदहाली का दंश झेल रही है। चार करोड़ से बनी सिंचाई योजना से किसानों को पानी की बूंद तक नसीब नहीं हो रही जबकि जल जीवन मिशन योजना से तीन करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी लोगों को पानी के लिए तरस रहे है। आपदा से मुख्य स्रोत में बना चैंबर भी क्षतिग्रस्त हालत में है जिससे संकट गहरा गया है।
सरकार सूदूर गांवों के लोगों को लाभान्वित करने के लिए भारी भरकम बजट तो उपलब्ध कराती है पर बजट खर्च हो जाने के बावजूद गांव के लोगों को लाभ नहीं मिल पाता। बेतालघाट ब्लॉक के मल्ला गांव में सात करोड़ रुपये से बनी सिंचाई व पेयजल योजनाओं की स्थिति यही साबित कर रही है।मल्ला व तल्ला गांव तथा दाडिमा गांव के सैकड़ों किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने को चार करोड़ रुपये का बजट खर्च हो जाने के बावजूद किसान सिंचाई के पानी के इंतजार में हैं। मजबूरी में दूर दराज से सिर पर पानी के बर्तन ढोकर किसान खेतों को सींच रहे हैं। सिंचाई योजना की बदहाली से किसानों में गहरा रोष भी व्याप्त है। कुछ ऐसी ही हालत जल जीवन मिशन योजना से बनी पेयजल योजना की है। योजना निर्माण के बाद बीते वर्ष मुख्य स्रोत में बना चैंबर क्षतिग्रस्त हो गया बावजूद आज तक सुध नहीं ली जा सकी है जिसका खामियाजा गांव के डेढ़ सौ से अधिक परिवार उठा रहे हैं। पेयजल संकट गहराने से गांव के लोग परेशान है पर जिम्मेदार अनदेखी पर आमादा है। पूर्व सरपंच शंकर बधानी व आंनद बल्लभ शास्त्री के अनुसार दोनों योजनाओं में सात करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होने के बाद भी पानी नसीब न होना निंदनीय है। ग्रामीणों ने जल्द दोनों योजनाओं को दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। चेतावनी दी है की उपेक्षा कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसडीएम तुषार सैनी के अनुसार दोनों योजनाओं की जांच करवाई जाएगी। योजनाओं से ग्रामीणों को लाभ न मिलना गलत है। जल्द ही सिंचाई व पेयजल आपूर्ति सुचारु करने के निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए जाएंगे। लापरवाही पर कार्रवाई होगी।