🔳 आपदा ने पहुंचाया है भारी नुकसान बावजूद नहीं ली जा सकी सुध
🔳 पांच बरस बाद भी मरम्मत के लिए बजट का है इंतजार
🔳 हाईवे पर क्वारब में हालात बिगड़ने से स्टेट हाईवे पर बड़ गया है वाहनों का दबाव
🔳 भारतीय सेना के वाहन भी करते हैं आवाजाही
🔳 बरसात में खतरा बढ़ने का जताया जा रहा अंदेशा
[[[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]
नैनीताल व अल्मोड़ा जनपद की सीमा पर क्वारब क्षेत्र में लगातार बिगड़ रहे हालातों के बीच विकल्प के तौर पर इस्तेमाल की जा रहे खैरना रानीखेत स्टेट हाईवे पर भी स्थिति बिगड़ रही है। पांच वर्ष पूर्व कालिका मोड़ के समीप आपदा से बुरी तरह दरक चुके स्टेट हाईवे की सुध नहीं लिए जाने से बरसात में स्थित बिगड़ने का अंदेशा बढ़ता ही जा रहा है। लोनिवि ने हाईवे की मरम्मत को लगभग 44 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी सरकार को भेज दिया पर लंबा समय बीतने के बाद भी बजट उपलब्ध नहीं हो रहा।
कुमाऊं के महत्वपूर्ण अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर क्वारब क्षेत्र में आवाजाही बेहद ख़तरनाक हो चुकी है। बारिश के दौरान हालात और ज्यादा बिगड़ जा रहे हैं। आए दिन जाम की स्थिति बने रहने से आवाजाही करने वाले लोग परेशान है। कई वाहन चालकों का अब हाईवे से मोहभंग हो चुका है। वाहन चालक खैरना रानीखेत स्टेट हाईवे से ही आवाजाही कर रहे हैं। वहीं क्वारब में आवाजाही ठप होने पर खैरना से स्टेट हाईवे होते हुए ही रुट डायवर्ट किया जाता है। वाहनों की आवाजाही बढ़ने से अब स्टेट हाईवे पर वाहनों का दबाव भी बढ़ गया है पर कालिका मोड़ से कुछ कदम दूर लगभग पांच वर्ष पूर्व आपदा से ध्वस्त हो चुके स्टेट हाईवे की आज तक सुध नहीं ली जा सकी है। करीब पांच सौ मीटर दायरे में स्टेट हाईवे के ध्वस्त पड़े होने से यात्रियों व पर्यटकों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रानीखेत स्थित कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर व गनियाद्योली में सीमा सुरक्षा बल का सीमांत मुख्यालय होने से सेना के वाहन भी इसी महत्वपूर्ण स्टेट हाईवे से आवाजाही करते हैं पर पांच वर्ष का लंबा समय बीतने के बाद भी हालत जस के तस बने हुए हैं। स्टेट हाईवे की बुनियाद दरकने से अगामी बरसात में अस्तित्व पर भी संकट बढ़ने का अंदेशा है पर सुध नहीं ली जा रही। वाहन चालक गोपाल सिंह, कुंवर सिंह, अनिल नेगी, रमेश खनायत, गजेंद्र सिंह, सुनील मेहरा, कुलदीप सिंह खनायत के अनुसार यदि समय रहते स्टेट हाईवे की हालत में सुधार को ठोस उपाय नहीं किए गए तो फिर भविष्य में आवाजाही ठप होने का अंदेशा है। लोनिवि के अधिशासी अभियंता दीप चंद्र पांडे के अनुसार सुरक्षात्मक कार्यों के लिए लगभग 44 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन में भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरु करवाए जाएंगे।