🔳जंगलों में लगी आग से पूरे क्षेत्र में दिनभर छाई रही धुंध
🔳चारों ओर फैली धुंध से सख्ते में आए गांवों के बाशिंदे
🔳स्वास की बिमारी से ग्रसित मरीज हुए परेशान, लोगों को आंखों में रही जलन
🔳एक के बाद एक जंगल को नुकसान होने से ग्रामीणों में नाराजगी
🔳वन विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर खड़े किए सवाल
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट))))

जंगलो में आग धधकने से जहां बेशकिमती वन संपदा राख होती जा रही है वहीं धुएं से पर्यावरण भी प्रदूषित होता जा रहा है। आसपास के जंगलों में धधकी आग से कोसी घाटी में धूप खिलने तक गहरी धुंध छाई रही। क्षेत्र में धुंध छाए रहने से स्थानीय लोग भी सख्ते में आ गए। दोपहर तक धुंध व धूप ने तापमान में वृद्धि कर दी।
गुरुवार सुबह कोसी घाटी के बाशिंदे उठकर घरों से बाहर निकले तो बाहर का नजारा देख सख्ते में आ गए। पूरे क्षेत्र में धुंध छाए रहने से ग्रामीण हैरान हो गए। बुधवार रात तक आसपास के जंगलों में आग धधकने से धुएं ने पूरे इलाके को धुंध की चपेट में ले लिया। धूप खिलने के बाद कुछ हद तक धुंध छठ सकी हालांकि उंचाई वाले क्षेत्रों में शाम तक धुंध का प्रकोप रहा। धुंध छाए रहने से जहां तापमान बढ़ने लगा तो वहीं स्वास संबंधी बिमारी से ग्रसित मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। लोगों को आंखों में जलन भी महसूस हुई। जंगलों को आग से बचाने को ठोस कदम न उठाए जाने पर पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने गहरी नाराजगी जताई। आरोप लगाया की वन विभाग जंगलों को बचाने में नाकाम साबित हो रहा है। महज जागरुकता अभियान चलाकर इतिश्री कर दी जा रही है। जबकि लगातार जंगल आग से नष्ट होते जा रहे हैं। समाजसेवी गजेन्द्र सिंह, गोविन्द सिंह, विनोद मेहरा, महेंद्र सिंह बिष्ट, संजय सिंह, मनोज सिंह बिष्ट आदि ने जंगलों को आग से बचाने की पुरजोर मांग उठाई है। अंदेशा जताया की यदि समय रहते जंगलों को नहीं बचाया जा सका तो भविष्य में हालात विकट होंगे।