🔳 खस्ताहाल मोटर मार्ग पर जान जोखिम में डाल आवाजाही बनी नियति
🔳 कई बार उठ चुकी आवाज बावजूद नहीं ली जा रही सुध
🔳 आधा दर्जन से अधिक गांवों के सैकड़ों परिवार परेशान
🔳 लगातार अनदेखी से आखिरकार टूटा सब्र का बांध
🔳 हाईवे पर किया प्रदर्शन, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण मोटर मार्ग के आधार दर्जन से अधिक गांवों के लोग करीब सत्रह वर्ष से सड़क पर डामरीकरण के इंतजार में हैं बावजूद आज तक इंतजार खत्म नहीं हो सका है। सुध न लिए जाने से नाराज ग्रामीणों ने हाईवे पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा। ग्रामीणों ने एक स्वर में मोटर मार्ग पर डामरीकरण किए जाने की पुरजोर मांग उठाई। दो टूक चेतावनी दी की यदि समय रहते डामरीकरण नहीं किया गया तो फिर ज़िला मुख्यालय में धरना दिया जाएगा।
हाईवे के चोपड़ा क्षेत्र से दुमगांव – डूगरु – कूल मोटर मार्ग का निर्माण वर्ष 2007 में किया गया। सड़क निर्माण से गांवों के लोगों राहत तो मिली पर मोटर मार्ग पर डामरीकरण न होने से गांवो के लोग खस्ताहाल रोड पर ही आवाजाही को मजबूर हो गए। उम्मीद थी डामरीकरण होने के बाद सुगम आवाजाही का लाभ मिल सकेगा पर सत्रह बरस का लंबा समय बीतने के बावजूद सुध नहीं ली जा सकी है जिस कारण रामगढ़ ब्लॉक के दुमगांव, सिमड़, डूगरु, सिरसा, बटुलिया, कूल, ढोल, दूना, सिगोंर्ला आदि गांवों के सैकड़ों ग्रामीण जान हथेली पर आवाजाही को मजबूर हैं। लगातार उपेक्षा पर मंगलवार को ग्रामीणों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। ग्रामीणों ने हाईवे पर प्रदर्शन कर नाराजगी जताई। आरोप लगाया की गांवों की लगातार उपेक्षा की जा रही है। खस्ताहाल मोटर मार्ग पर दुर्घटना का जोखिम बढ़ता ही जा रहा है बावजूद लगातार अनदेखी की जा रही है। ग्रामीणों ने सड़क पर डामरीकरण किए जाने की पुरजोर मांग उठाई। वक्ताओं ने कहा की महज छह किमी दायरे में डामरीकरण करने को सत्रह वर्ष का समय बीतना अफसरों की कार्यप्रणाली को उजागर कर रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेज डामरीकरण करवाए जाने की गुहार भी लगाई। दो टूक चेतावनी दी की यदि अनदेखी की गई तो फिर ग्रामीण जिला मुख्यालय नैनीताल में धरना देने को विवश हो जाएंगे। इस दौरान ग्राम प्रधान सिरसा इंदु जीना, कुबेर सिंह जीना, कैलाश चंद्र दुम्का, सुरेश चंद्र, मुकेश चंद्र, भोला दत्त, विजय कुमार, कांति बल्लभ, कैलाश चंद्र, निखिल दुम्का आदि मौजूद रहे।

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