🔳 मल्लाकोट गांव के ग्रामीण ने कुमाऊं आयुक्त को सौंपा शिकायती पत्र
🔳 चुनाव के बाद प्रधान के दिल्ली में रहने के बावजूद गांव में बजट के इस्तेमाल पर उठाए सवाल
🔳 विभागीय अधिकारियों पर भी मिलीभगत से कार्य करने का आरोप
🔳 मामले की निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की उठी मांग
[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]]
विकासखण्ड बेतालघाट के मल्लाकोट गांव में ग्राम प्रधान की फर्जी मोहर का इस्तेमाल कर प्रधान की गैरमौजूदगी में सरकारी धन की बंदरबांट किए जाने का आरोप लगा जांच की मांग उठी है। स्थानीय ग्रामीण ने कुमाऊं आयुक्त को शिकायती पत्र सौंपकर मामले में कार्रवाई की मांग उठाई है। शिकायतकर्ता ने ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी की भूमिका की जांच पर भी जोर दिया है।
बुधवार को मल्लाकोट गांव निवासी पुष्कर सिंह पनौरा ने कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत को शिकायती पत्र सौंपकर ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान की फर्जी मोहर व हस्ताक्षर की जांच किए जाने की मांग उठाई है। शिकायती पत्र के माध्यम से बताया की वर्ष 2019 में हुए पंचायत चुनाव में निर्वाचित ग्राम प्रधान का वर्ष 2021-22 में विवाह हो गया। विवाह के बाद से ही वह दिल्ली रह रही है। ग्राम पंचायत के सभी कार्य बगैर ग्राम प्रधान की मौजूदगी में फर्जी मोहर व हस्ताक्षर से किए गए है। आरोप लगाया की सब कुछ पता होने के बावजूद विभागीय अधिकारियों ने मिलीभगत से सरकारी बजट की बंदरबांट की। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी ने भी पंचायतीराज अधिनियम की धज्जियां उड़ाकर फर्जी मोहर व बगैर प्रधान की मौजूदगी के कई कार्यो को स्वीकृति दे दी। आरोप लगाया की बार बार कहे जाने के बावजूद अधिकारियों ने अनसुनी कर नियमों की धज्जियां उड़ाई। कई सरकारी कार्यों को बगैर ग्राम प्रधान की मौजूदगी के कराकर कानून को भी खुली चुनौती दे डाली। पुष्कर सिंह पनौरा ने मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को दंडित करने की मांग की।