🔳 दो सदस्यीय टीम ने जांचें खतरा बन चुकी पहाड़ी के हालात
🔳 अलग अलग स्थानों पर जांच कर कई बिंदुओं पर तैयार की गई रिपोर्ट
🔳 जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम पहुंची क्वारब
🔳 एनएच अफसरों के साथ भी अहम बिंदुओं पर की चर्चा
🔳 उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट सौंपेंगी भूवैज्ञानिकों की टीम
[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]

नैनीताल व अल्मोड़ा जनपद की सीमा पर क्वारब क्षेत्र में खतरा बन चुकी पहाड़ी के हालात जानने को टीएचडीसी के विशेषज्ञों के बाद जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों ने एनएच अफसरों के साथ निरीक्षण किया। अलग अलग स्थानों से पहाडी से लगातार हो रहे कारण जाने। विभिन्न बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार की गई। भूवैज्ञानिकों के अनुसार रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
कुमाऊं की लाइफ लाइन अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर क्वारब क्षेत्र में दरक रही पहाड़ी से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। करीब डेढ़ सौ मीटर की ऊंचाई से दरक रही पहाड़ी से हाईवे पर आवाजाही खतरनाक हो चुकी है। यात्री व वाहन चालक जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हैं। लगातार बढ़ रहे खतरे को भाप अल्मोड़ा जिला प्रशासन ने रात के समय हाईवे पर आवाजाही प्रतिबंधित तक कर दी है। पहाड़ी से मंडरा रहे खतरे को टालने के लिए एनएच प्रशासन भी हरकत में आ गया है। बीते दिनों केंद्रीय सड़क व परिवहन राज्यमंत्री अजय टम्टा के दौरे के बाद से ही खतरा टालने को कवायद तेज हो गई है। बीते दिनों टिहरी हाइड्रो डवलमेंट कारपोरेशन (टीएचडीसी) के विशेषज्ञों के निरीक्षण के बाद गुरुवार को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) की दो सदस्यीय वैज्ञानिकों की टीम ने भी पहाड़ी के हालातों का जायजा लिया। एनएच के अधिकारियों से भी विभिन्न जानकारियां जुटाई। पहाड़ी पर अलग अलग स्थानों पर जांच की। वैज्ञानिकों की टीम ने कई बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार की। वैज्ञानिकों के अनुसार रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को उपलब्ध कराई जाएगी। एनएच के अधिशासी अभियंता महेंद्र कुमार के अनुसार यातायात सुगम हो सके इसके लिए गंभीरता से कदम उठाए जा रहे हैं।

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