🔳 धारी गांव में बागबानों से जुटाई महत्वपूर्ण जानकारियां
🔳 फल उत्पादन की तकनीक का भी लिया प्रशिक्षण
🔳 विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी तीस महिला किसानों ने सीखे गुर
[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]
चमोली गढ़वाल से तीस महिला किसानों के दल ने बेतालघाट ब्लॉक के फल उत्पादक धारी गांव पहुंच महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाई। धारी गांव के बागबानों ने फल उत्पादन में बरती जाने वाली सावधानियों, बिमारी से बचाव व नई नर्सरी तैयार करने समेत कई अहम बिंदुओं पर जानकारी दी। महिला किसानों ने गांव के लोगों के साथ गड़वाल की संस्कृति भी साझा की।
गुरुवार को चमोली व जोशीमठ के कोबा तथा जेलम गांव से नंदा देवी, ब्रह्म कमल तथा जय सिद्ध नाथ स्वयं सहायता समूह से जुड़ी तीस महिला किसानों का दल कोसी घाटी स्थित धारी गांव पहुंचा। धारी गांव आड़ू, पूलम व खुमानी की बंपर पैदावार के लिए विख्यात है। गांव के बागबान नर्सरी भी तैयार करते हैं। यहां के पौधे अन्य राज्यों को भी भेजे जाते हैं। एक दिवसीय कार्यक्रम के तहत गढ़वाल से पहुंची चालीस महिला किसानों के दल को यशोदा पौधालय के पीतांबर भट्ट ने कई अहम जानकारियां दी। पीतांबर भट्ट ने किसानों को क्रोमिग, नर्सरी तैयार करने, बगीचा बनाने, समुचित पानी, गड्डे की गहराई तथा पौधों की दूरी की विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण के बाद गढ़वाल से पहुंची महिला किसानों ने गांव की महिलाओं के साथ संस्कृति साझा की। बाद में दल विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान हवालबाग को रवाना हो गया। इस दौरान वर्षा चौहान, विमला देवी, बाली देवी, झुंपा देवी, जमपा देवी, गोमती देवी, उमा देवी, मालती देवी, पार्वती देवी, सीता देवी, कलावती देवी, कातकी देवी, बीना देवी, सावित्री देवी, कमला देवी, मधुली देवी, उषा देवी, फागुनी देवी, गौरा देवी समेत कई महिला काश्तकार मौजूद रही।