🔳फल उत्पादक गांवों में 90 प्रतिशत उपज हुई चौपट
🔳फल सूखे, आकार भी छोटा, किसान हुए मायूस
🔳बड़ी मंडियों को फल भेजने को मंगाया गया बारदाना भी गोदामों में कैद
🔳बारिश न होने से गांवों में सूखै जैसे हालात
🔳पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने सर्वे कर मुआवजा वितरण की उठाई मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
इंद्रदेव की नाराजगी से बेतालघाट ब्लॉक के सब्जी व फल उत्पादन में अग्रणी गांवों में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। फलों को बड़ी मंडियों तक भेजने को मंगाया गया बारदाना (फलों को मंडियों तक भेजने वाली पैकिंग सामग्री) गोदामों में जस का तस पड़ा है। फल उत्पादक कास्तकार गोधन सिंह बर्गली के अनुसार लगभग 90 प्रतिशत उत्पादन चौपट हो चुका है। किसानों को नुकसान का उचित मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग भी उठने लगी है।
बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों में आड़ू, पूलम व खुमानी की बंपर पैदावार होती है। यहां से फल हल्द्वानी के साथ ही दिल्ली, मुंबई, लखनऊ जैसे महानगरों को भी भेजा जाता है। पर इस वर्ष तमाम गांवों में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बारगल, कफूल्टा, गरजोली, जजूला, बुधलाकोट, फल्याडी, सिल्टोना, सीम आदि गांवों में हालात सबसे ज्यादा खराब है। बारिश न होने से फल मुरझा चुका है जबकी फल भी पूरा आकार नहीं ले सका है। बेहतर उत्पादन न होने से किसान मायूस हो चुके हैं। फलों को बड़ी मंडियों को भेजने के लिए मंगाई गई पैकिंग सामग्री के अब तक गोदामों ज्यों के त्यों पड़े होने से नुकसान की हकीकत बयां हो रही है। स्थानीय फल उत्पादक किसान गोधन सिंह बर्गली के अनुसार सब्जियों के सीजन में नुकसान के बाद फल उत्पादन में घाटा पूरा होने की उम्मीद थी पर समय पर बारिश न होने से सब कुछ बर्बाद हो गया। और वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष महज दस प्रतिशत ही पैदावार हो सकी है उसमें भी फल का आकार बेहद छोटा है। काश्तकार चंदन सिंह, त्रिलोक सिंह, मदन सिंह बर्गली, रघुराज सिंह, पूरन सिंह, शांति देवी, उमेश बर्गली, कैलाश जोशी आदि ने क्षेत्र को सूखाग्रस्त किए जाने तथा उचित मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है। ग्राम प्रधान बारगल त्रिभुवन पाठक व प्रधान प्रतिनिधि भास्कर गरजोला ने भी मुआवजा वितरित किए जाने पर जोर दिया है।