🔳 संयुक्त निरीक्षण के लिए तहसील प्रशासन को किया पत्राचार
🔳 निरीक्षण के बाद मुक्त कराई जाएगी वन भूमि
🔳 सिरोडी व ढैला गांव में होगी जमीन की जांच
🔳 रातों-रात वन भूमि पर खदान कर बिल्डर दे चुका वन विभाग को खुली चुनौती
🔳 ग्रामीण के साथ मारपीट कर कागज में जबरदस्ती हस्ताक्षर कराने का मामला भी आ चुका सामने
{{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}}

बेतालघाट ब्लॉक के सिरोडी गांव में बिल्डर के बढ़ते दखल को रोकने के लिए वन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। बिल्डर की कुंडली खंगालने के लिए वन विभाग ने प्रशासन से संपर्क साध लिया है। सिरोडी व समीपवर्ती ढेला गांव में बिल्डर की भूमि के संयुक्त निरीक्षण को पत्र भेजा गया है। वन दरोगा के अनुसार जमीनों का संयुक्त निरीक्षण किया जाएगा। यदि वन भूमि पर कब्जा मिला तो नियमानुसार कार्रवाई कर जमीन को मुक्त करवाया जाएगा।
सिरोडी गांव में रातों-रात वन भूमि पर खदान कर रोड तैयार करने व कुछ ही दिन बाद स्थानीय ग्रामीण से मारपीट कर जबरदस्ती एक कागज में हस्ताक्षर कराने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि वन विभाग ने रातोंरात खोदी गई वन भूमि पर पौधरोपण कर बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई भी कर दी है। करीब एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा चुका है। बावजूद बिल्डर की दबंगई कम होने का नाम नहीं ले रही। ग्रामीणों के वन भूमि पर गड्डे खोदे जाने के आरोपों के बाद वन विभाग ने भी सख्त रुख अपना लिया है। सिरोडी गांव के साथ ही अब समीपवर्ती ढैला गांव में भी बिल्डर पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरु कर दी गई है। चर्चा है की जगह जगह नाप भूमि की आड़ में वन भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। मामले के खुलासे व वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने को वन विभाग ने संयुक्त निरीक्षण के लिए प्रशासन को पत्राचार कर दिया है। वन दरोगा सूरज सिंह बिष्ट के अनुसार संयुक्त निरीक्षण के बाद यदि वन भूमि पर अतिक्रमण मिला तो जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करवाया जाएगा साथ ही नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी। साफ कहा की वन भूमि पर अतिक्रमण कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राजस्व उपनिरीक्षक शकील अहमद के अनुसार उच्चाधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।