🔳बेसकिमती वन संपदा के साथ ही चारापत्ती भी जलकर नष्ट
🔳विकराल हुई आग की लपटों से सख्ते में आए ग्रामीण
🔳देर शाम तक जंगल से उठता रहा धुएं का गुबार
🔳गरमपानी खैरना बाजार के ठिक उपर थुआ का जंगल भी हुआ खाक
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट )))
जंगलों में आग का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा। एक के बाद एक जंगल आग से स्वाहा होते जा रहे हैं। बेतालघाट ब्लॉक के ओडाबास्कोट गांव से सटे जंगल के आग की चपेट में आने से वन संपदा राख हो गई। बांज व चीड़ के पेड़ों को भी नुकसान पहुंचा है।
पहाड़ों में वनाग्नि तेजी से पांव पसार रही है। लगातार जंगलों को वनाग्नि से नुकसान पहुंचने से मवेशियों के लिए चारा पत्ती तक का संकट खड़ा हो गया है वहीं आग की तपिश से प्राकृतिक जल स्रोतो में भी जलस्तर तेजी से घटता जा रहा है। शनिवार को बेतालघाट ब्लॉक के ओडाबास्कोट गांव से सटा चीड़ व बांज बाहुल्य चुरानीभाटी व कपसोड का जंगल आग से धधक उठा। देखते ही देखते आग की लपटों ने विकराल रुप ले लिया। आसपास छूती लपटों से कई बांज व चीड़ के पेड़ तक जल उठे। जंगली जानवरों को नुकसान पहुंचने के साथ ही बेशकिमती वन संपदा को भी नुकसान पहुंचने का अंदेशा है। भीषण आग की लपटों से गांव के बाशिंदे भी सख्ते में आ गए। इधर अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर स्थित गरमपानी, खैरना, दो पांखी क्षेत्र से सटा जंगल में भी देर शाम तक धुएं का गुबार उठता रहा। विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम को ठोस उपाय किए जाने की मांग वन विभाग से की है।