🔳 गेहूं के बीज को जमीन के अंदर से निकाल चट कर जा रहे बंदर
🔳 सुबह बुआई कर रहे किसान, शाम को खेतो को तहस नहस कर रहे बंदर
🔳 खेती-बाड़ी में लगातार हो रहे नुकसान से काश्तकार मायूस
🔳 वन विभाग से बंदरों के आंतक से निजात दिलाने की गुहार
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]
बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों में बारिश के इंतजार में गेहूं बुआई नहीं हो सकी है वहीं जिन गांवों में किसान बुआई कर भी रहे हैं तो वहां बंदर खेतों से गेहूं के बीज चट कर जा रहे हैं ऐसे में उपज की पैदावार पर संकट गहरा गया है। मायूस हो चुके किसान बंदरों के आंतक से निजात दिलाने की लगातार मांग भी उठा चुके हैं बावजूद सुनवाई नहीं हो रही। किसानों में वंश विभाग के खिलाफ लगातार नाराजगी बढ़ती ही जा रही है।
कोसी घाटी के गांवों में खेती-बाड़ी चौपट होने के कगार पर पहुंच चुकी है। जंगली सूअर, खरगोश, मोर खेतीबाड़ी को भारी नुकसान पहुंचाने पर आमादा है। बची कुची कसर बंदर पूरी कर दे रहे हैं। समय पर बारिश न होने से गांवों में पहले ही गेहूं की बुआई नहीं हो सकी है अब कुछ गांवों में किसानों ने बुआई करना शुरु ही किया है की बंदर खेतों में पहुंचकर गेहूं के बीज को चुन चुन कर चट करने पर आमादा हो जा रहे हैं। बेतालघाट ब्लॉक के मल्ला कोट गांव निवासी किसान कृपाल सिंह मेहरा के अनुसार बुआई के बाद बंदर खेतों में पहुंचकर उत्पात मचा बीचो को जमीन के अंदर से निकालकर चट कर जा रहे हैं जिससे काफि नुकसान उठाना पड़ रहा है। मल्लाकोट समेत, सिल्टोना, ब्यासी, बजेडी, नौडा, धनियाकोट समेत तमाम गांवों में बंदर खेतों को नुकसान पहुंचाने पर आमादा है। काश्तकार हीरा सिंह, दयाल सिंह, मनोज कुमार, नंदन सिंह आदि ने खेतीबाड़ी बचाने को लगातार बढ़ रहे बंदरों के आंतक से निजात दिलाने की मांग वन विभाग से की है।