🔳प्रत्येक वाशिंदे की आत्मा में वृक्ष, जल व जंगल के प्रति आदर व लगाव
🔳जंगलों की आग से निपटना बड़ी चुनौती पर उत्तराखंडी ही निकालेंगे समाधान
🔳प्रदेश के राज्यपाल पहुंचे काकड़ीघाट स्थित स्वामी विवेकानंद तपोस्थली
🔳कर्कटेश्वर मंदिर में भी की पूजा अर्चना, लगाया ध्यान

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल(अवकाश प्राप्त) गुरमीत सिंह ने अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर काकड़ीघाट स्थित ज्ञान वृक्ष (पीपल) में जलाभिषेक किया। ध्यान कक्ष में ध्यान भी लगाया। कर्कटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। विवेकानंद सेवा समिति के पदाधिकारियों व स्थानीय लोगो ने राज्यपाल का स्वागत किया। ज्ञापन सौंप विवेकानंद तपस्थली को मानसखंड परियोजना में शामिल करने पर जोर दिया।

बुधवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्त) गुरमीत सिंह स्वजनों के साथ मुक्तेश्वर से हाइवे पर काकड़ीघाट क्षेत्र में स्थित स्वामी विवेकानंद की तपोस्थली पहुंचे। राम कृष्ण मिशन अल्मोड़ा के ध्रुवेशानंद ने राज्यपाल को काकड़ीघाट से संबंधित जानकारी दी। बताया कि स्वामी विवेकानन्द ने अपनी यात्रा के दौरान 21 अगस्त 1890 को काकड़ीघाट में रात्रिवास किया । पीपल वृक्ष के नीचे जो बाद में ज्ञान वृक्ष के नाम से जाना गया, ध्यान करते हुए उन्हें एक दुर्लभ आध्यात्मिक अनुभूति हुई थी। ज्ञान वृक्ष के नाम से विख्यात वह मूल पीपल वृक्ष वर्ष 2014 तक सूख गया था। परन्तु उसी वृक्ष के एक प्रतिरूप पौधे का रोपण 15 जुलाई 2016 को यहाँ उसी मूल स्थान पर किया गया है। राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि की हर जगह की अपनी एक अलग पहचान है। कहा कि बेहद खुशी है कि उस वक्त जिस पेड़ के नीचे उन्होंने ध्यान लगाया था उसको हमने वैज्ञानिक तरीके से पुनर्जीवित किया है। कहा की यहां आकर स्वामी विवेकानन्द जी की जो सोच-विचार और धारणा है उसे जानने का मौका मिला। कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती जल संरक्षण की है। कोसी नदी पूजनीय है। जल व वृक्षों का संरक्षण करना सबसे बड़ी बात है। देवभूमि के हर व्यक्ति की आत्मा में वृक्ष, जल एवं जंगल के प्रति आदर एवं विशेष लगाव है। ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ रहे बढ़ रहे तापमान पर चिंता व्यक्त की। इस दौरान जिलाधिकारी विनीत तोमर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, एडीएम सीएस मर्तोलिया, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल, पुलिस उपाधीक्षक विमल प्रसाद, मंदिर समिति के हरीश परिहार, कोषाध्यक्ष गोपाल सिंह, ललित नैनवाल, यशवंत सिंह, तेज सिंह आदि मौजूद रहे।

अलौकिक शक्ति का केंद्र है सुप्रसिद्ध कैंची धाम : राज्यपाल

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्त) गुरमीत सिंह ने काकड़ीघाट के बाद कैंची धाम पहुंचकर बाबा नीम करौरी के दर पर मत्था टेका । विशेष पूजा अर्चना कर देश प्रदेश की सुख, शांति व समृद्धि को प्रार्थना की। कहा कि कैंची धाम पहुंचकर सदैव अद्भुत व आध्यात्मिक शांति की और असीम ऊर्जा की अनुभूति होती है। मंदिर अलौकिक शक्ति का केन्द्र है। मंदिर प्रबंधन से तमाम बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। कहा की सरकार क्षेत्र को विकसित करने के हर संभव प्रयास कर रही है और भविष्य को ध्यान में रखते हुए यहां पर अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। देश-विदेश से यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग, यातायात व्यवस्था, पेयजल आदि मूलभूत सुविधाओं को मुहैया करवाना प्राथमिकता होनी चाहिए।

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी पहुंचे कैंची धाम

बाबा नीम करौरी के भक्तों में अब हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला का नाम भी शामिल हो गया है। बुधवार को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने सुप्रसिद्ध कैंची धाम पहुंचे। मंदिर प्रबंधन ने राज्यपाल का स्वागत किया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने बाबा के दर पर पूजा अर्चना की। मंदिर प्रबंधन सदस्यों से बाबा की लीलाओं की जानकारी जुटाई। काफि देर मंदिर में रुकने के बाद राज्यपाल गंतव्य को रवाना हो गए।