🔳 शहीद खेम चंद्र डौर्बी महाविद्यालय बेतालघाट में सुविधाओं का अकाल
🔳 छात्रावास के अभाव में दस किमी दूर से उच्च शिक्षा लेने पहुंच रही छात्राएं
🔳 स्नाकोत्तर की शिक्षा लेने आज भी नगरीय क्षेत्रों को रुख करना मजबूरी
🔳 समुचित कक्षा कक्ष व एक अदद खेल मैदान भी बन चुका सपना
🔳 जिम्मेदारों की अनदेखी का खामियाजा भुगत रहे 198 विद्यार्थी
[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]]]]

गांव के नौनिहालों के लिए बेतालघाट में स्थापित किया गया महाविद्यालय स्थापना के दस वर्ष बाद भी सुविधाओं का इंतजार कर रहा है। स्नातक की डिग्री लेने के बाद नौनिहालों को स्नाकोत्तर के लिए आज भी मिलों का सफर तय करना मजबूरी है। समुचित कक्षा कक्ष न होने से भी शिक्षण कार्य बामुश्किल पूरा करवाया जाता है। न ही छात्रावास है न ही स्टाफ कक्षों का ही निर्माण हो पाया है। यह हालत तब है जब महाविद्यालय के शहीद के नाम का दर्जा है।
शहीद खेम चंद्र डौर्बी महाविद्यालय में आसपास के तमाम गांवों से छात्र छात्राएं उच्च शिक्षा लेने बेतालघाट पहुंचते हैं। वर्ष 2014 में स्थापित महाविद्यालय में दस वर्ष बाद भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध न होने से विद्यार्थियों व शिक्षकों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जबकि वर्तमान में महाविद्यालय में 198 छात्र छात्राएं अध्यनरत है। लगातार सुविधाएं को मांग उठने के बावजूद जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे। जिम्मेदारों की अनदेखी का खामियाजा छात्र छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। स्नातक की डिग्री लेने के बाद स्नाकोत्तर की पढ़ाई के लिए आज भी नौनिहालों को रामनगर, हल्द्वानी, काशीपुर, नैनीताल, रानीखेत को रुख करना मजबूरी बन चुका है। महाविद्यालय में तैनात शिक्षकों के लिए आवासीय भवनों की नींव तक नहीं रखी जा सकी है जिस कारण शिक्षकों को बाजार व आसपास सुविधाविहीन कमरों में रहना पड़ रहा है। सूदूर गांवों से छात्राएं करीब दस किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर रोजाना महाविद्यालय पहुंचती है पर छात्रावास तक का निर्माण नहीं हो सका है। जिस कारण बेटीयां को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महाविद्यालय को बने दस वर्ष का समय बीतने के बावजूद एक अदद खेल मैदान तक अस्तित्व में नहीं आ सका है ऐसे में महाविद्यालय से मेधावी खिलाड़ी कैसे तैयार होंगे यह भी यक्ष प्रश्न बना हुआ है। व्यापार मंडल अध्यक्ष बालम सिंह बोहरा, ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य दिलीप सिंह नेगी ने शहीद के नाम से बने महाविद्यालय में सुविधाओं का अकाल होने पर चिंता व्यक्त की है। पूर्व छात्रनेता तारा भंडारी ने स्नातक में इतिहास, भूगोल, गृहविज्ञान व शिक्षा शास्त्र आदि विषय शामिल करने पर जोर दिया है। महाविद्यालय के प्राचार्य डा. विनय कुमार विद्यालंकार के अनुसार सुविधाएं जुटाने को गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। निदेशक उच्च शिक्षा को पत्राचार किया गया है।

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