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[[[[[[[[[[[[[[ BIG BREAKING ]]]]]]]]]]]]]] ई रवन्ना के जरिए धड़ल्ले से ठिकाने लगाया जा रहा चोरी का उपखनिज

🔳 जहां की रायल्टी हुई जारी वहां नहीं है रत्तीभर उपखनिज
🔳 जहां डंपर में लादा जा रहा उपखनिज वहां से कोसों दूर से जारी हुई रायल्टी
🔳 रायल्टी में घालमेल की चर्चाओं से मचा हड़कंप
🔳 विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी खड़े हुए सवाल
🔳 जिला खनन अधिकारी बोले – होगी कार्रवाई
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]

सफेद सोने के काले कारोबार के लिए कुख्यात कोसी घाटी में रायल्टी की सेटिंग गेटिंग का फार्मुला अपना गजब खेल शुरु हो गया है। जिस जमीन पर उपखनिज के नाम पर धूल तक उपलब्ध नहीं है उस जगह के ई रवन्ना का इस्तेमाल कर चोरी का उपखनिज धड़ल्ले से ठिकाने लगाया जा रहा है। वहीं ट्रकों में लादे जा रहे चोरी के उपखनिज की रायल्टी ब्लॉक मुख्यालय से सटे इलाके में स्थित स्टोन क्रशर से जारी होने पर तमाम गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि खनन विभाग के अफसर ऐसे किसी भी मामले के सामने आने की बात नकार रहे हैं पर पूरे क्षेत्र में रायल्टी के इस्तेमाल का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
कोसी घाटी में बहने वाली कोसी नदी क्षेत्र में उपखनिज निकासी को सरकार ने उपखनिज पट्टों को स्वीकृति दी है। पूर्व में सरकार ने कारोबारियों को उपखनिज स्टाक की अनुमति भी दी थी। खनन से राज्य सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की प्राप्ति होती है। खनन की निगरानी का जिम्मा खनन विभाग व प्रशासन के पास है। वर्तमान में पट्टों से उपखनिज निकासी पर रोक लगी है। इस बीच एक रायल्टी की चर्चा जोरों पर है। सूत्रों के अनुसार रायल्टी तल्ला गांव के ऐसे क्षेत्र से जारी की गई है जहां उपखनिज के नाम पर रत्ती भर उपखनिज तक उपलब्ध नहीं है। ऐसे में रायल्टी के जारी किए जाने पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। आरोप है की रायल्टी का इस्तेमाल कर चोरी के उपखनिज को ठिकाने लगाने का कार्य मिलीभगत से किया जा रहा है जिससे राज्य सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की चपत लगाई जा रही है। वहीं सप्ताह भर पूर्व चोरी के उपखनिज को डंपर में लादने से पूर्व ही रायल्टी जारी किए जाने का मामला चर्चाओं में हैं। रायल्टी बेतालघाट से भतरौजखान क्षेत्र के लिए जारी की गई थी जबकि डंपर में उपखनिज तिवारी गांव क्षेत्र के आसपास से भरा गया। ई रवन्नाओं के जरिए किए जा रहे घालमेल से गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं वहीं विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है। जिला खनन अधिकारी ताजेश्वर सिंह के अनुसार अभी ऐसे किसी भी मामले की जानकारी नहीं है। यदि कोई भी मामला सामने आएगा तो निश्चित रुप से कार्रवाई की जाएगी।

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