🔳 पेयजल संकट गहराने से ढाई सौ से ज्यादा परिवार परेशान
🔳 दूर दराज से पानी ढोने को मजबूर हुए गांव के बाशिंदे
🔳 मझेडा़ – ब्यासी पंपिग पेयजल योजना निर्माण में अनियमितता का आरोप
🔳 ग्रामीणों ने उठाई योजना की जांच की मांग
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]
कोसी नदी पर पांच करोड़ रुपये की लागत से बनी मझेडा़ ब्यासी पेयजल पंपिंग योजना से गांवों को समुचित पेयजल आपूर्ति न होने पर अब गांवों के बाशिंदों का पारा चढ़ने लगा है। समीपवर्ती डोबा गांव के बाशिंदों ने चार महीने से नलों से पानी की बूंद न टपकने पर नाराजगी जताई है। आरोप लगाया है की योजना निर्माण में अनियमितता बरती गई है जिस कारण सरकारी धनराशि से बनी योजना से पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। योजना की निष्पक्ष जांच की मांग उठा कार्रवाई पर जोर दिया है। दो टूक चेतावनी दी है की यदि अनदेखी की गई तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
खैरना के समीप कोसी नदी पर पांच करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से कुछ समय पूर्व मझेडा़ ब्यासी पंपिंग पेयजल योजना का निर्माण किया गया। तत्कालीन केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने धूमधाम से योजना का लोकार्पण किया। उम्मीद थी की योजना के अस्तित्व में आने से लोगों को लाभ मिलेगा पर उम्मीद परवाह नहीं चढ़ सकी। योजना से कुछ दूर डोबा गांव के बाशिंदे ही बूंद बूंद पानी को तरस गए हैं। स्थानीय हरेन्द्र सिंह ने आरोप लगाया है की करोड़ों रुपये की लागत से बनी योजना से चार महीने से पानी की बूंद तक नसीब नहीं हो रही। मजबूरी में दूर दराज से पानी ढोना पड़ रहा है। चूंवारी गांव में भी हालत जस के तस है। कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। ग्रामीणों के अनुसार योजना निर्माण में बड़ी अनियमितता बरती गई है जिससे अन्य गांवों में भी आए दिन लोग पानी को परेशान रहते हैं। पाइप लाइन बिछाने में भी लापरवाही की गई है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया की कभी पानी आ भी रहा है तो महज पांच से दस मिनट के लिए पानी मिल रहा है। दीप चंद्र तिवारी, राजेंद्र सिंह बिष्ट, कुंदन सिंह, भुवन सिंह, राम सिंह ने पानी उपलब्ध न होने पर गहरा रोष व्यक्त किया है। नलकूप खंड रामनगर के अवर अभियंता नरेंद्र भारती के अनुसार जल्द निरीक्षण किया जाएगा। पता लगाएंगे की आखिरी पानी की आपूर्ति क्यों नहीं हो रही। जल्द व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।