🔳 नदी क्षेत्र में बने अस्थाई मार्ग से आवाजाही करने को मजबूर हुए ग्रामीण
🔳 स्कूली नौनिहाल व गांवों के किसान भी परेशान
🔳 सड़क की हालत अनहोनी की ओर कर रही इशारा
🔳 सुध न लिए जाने से स्थानीय लोगों का चढ़ने लगा है पारा
🔳 जल्द मोटर मार्ग की हालत न सुधरने पर आंदोलन का ऐलान
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाले रातीघाट – बुधलाकोट मोटर मार्ग की आपदा के पांच वर्ष बाद भी सुध न लिए जाने से ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। गांवों के लोग नदी में अस्थाई रुप से बनाए गए रास्ते से आवाजाही को मजबूर है। क्षेत्रवासियों ने जल्द मोटर मार्ग का निर्माण न किए जाने पर अब आंदोलन की रणनीति तैयार करने का ऐलान कर दिया है। आरोप लगाया की गांवों के लोग जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हैं बावजूद जिम्मेदार अनदेखी पर आमादा है।
हाईवे से सटे बुधलाकोट, जाख, चोरसा, बारगल, कफूल्टा, गरजोली, ज्योग्याडी, घूना, दूनीखाल समेत तमाम गांवों के ग्रामीण रातीघाट – बुधलाकोट मोटर मार्ग से आवाजाही करते हैं। नैनीताल व रानीखेत महाविद्यालय तथा भवाली व खैरना क्षेत्र में अध्ययनरत नौनिहाल भी इसी मार्ग से हाईवे पर पहुंचते हैं। फल व सब्जी उत्पादक पट्टी होने से गांवों के किसान भी उपज को बड़ी मंडियों तक पहुंचाने में इसी सड़क का इस्तेमाल करते हैं। लगभग पांच वर्ष पूर्व मोटर मार्ग के तकरीबन आठ सौ मीटर हिस्से को शिप्रा नदी के उफान ने तहस नहस कर डाला। कई दिनों तक आवाजाही ठप रहने के बाद लोनिवि के अधिकारियों ने नदी क्षेत्र में अस्थाई सड़क बनाकर बामुश्किल आवाजाही शुरु की। लंबा समय बीतने के बावजूद आज तक मोटर मार्ग जस की तस स्थित में है। गांवों के लोग जोखिम उठाकर आवाजाही को मजबूर हैं। मोटर मार्ग की हालत से कभी भी बड़ी अनहोनी का अंदेशा भी बढ़ता ही जा रहा है। स्थानीय तारा सिंह बिष्ट ने आरोप लगाया है की जनहित से लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है। अनदेखी कर बड़े हादसे को न्यौता दिया जा रहा है। देवेंद्र सिंह भंडारी, चंदन सिंह नेगी, पूरन सिंह बिष्ट, मोहन मलकानी, नंदन सिंह बिष्ट, जीवन सिंह बिष्ट आदि ने जल्द मोटर मार्ग निर्माण किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। चेताया है की यदि जल्द निर्माण न किया गया तो आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। लोनिवि के सहायक अभियंता प्रकाश उप्रेती के अनुसार मोटर मार्ग के लिए करीब पच्चीस लाख रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरु करवाया जाएगा।