🔳कार्य अधूरा बावजूद जल संस्थान मेहरबान, चालीसा फिसदी कर डाला भुगतान
🔳 छड़ा खैरना पंपिग पेयजल योजना का कार्य तय समय के पांच महीने बाद भी नहीं हो सका पूरा
🔳 विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर क्षेत्रवासियों ने जताई नाराजगी
🔳 समुचित बजट उपलब्ध होने के बावजूद कछुवा गति से कार्य किए जाने का लगाया आरोप
🔳 सहायक अभियंता बोले – ठेकेदार को भेज गए हैं दो नोटिस
[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]]

सवा तीन करोड़ रुपये की भारी भरकम लागत से स्वीकृत छडा़ – खैरना पंपिग पेयजल योजना का कार्य तय समय पर पूरा न होने व वर्तमान में भी कार्य कछुआ गति से किए जाने पर जल संस्थान के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोगों ने महत्वपूर्ण योजना में हिलाहवाली पर गहरी नाराजगी जताई है। आरोप लगाया की तय समय के बाद पांच महीने का समय बीतने के बावजूद योजना का कार्य अधूरा पड़ा है। जल संस्थान के सहायक अभियंता के अनुसार ठेकेदार को दो नोटिस भेजे गए हैं। जल कार्य पूर्ण करवाया जाएगा।
केंद्र व राज्य सरकार पहाड़ में योजनाओं के लिए भारी भरकम बजट तो उपलब्ध करा रही है पर अफसरों की कार्यप्रणाली से गांवों के बाशिंदों को समय पर योजनाओं का लाभ ही नहीं मिल पा रहा। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर स्थित खैरना व छड़ा गांव के सैकड़ों परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराने को सरकार ने सवा तीन करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृति दी। शिप्रा नदी से बनाए जाने वाली छडा़ खैरना पेयजल पंपिंग योजना की स्वीकृति के बाद क्षेत्रवासियों को पानी का सूखा खत्म होने की उम्मीद जगी। बीते मार्च में कार्य समाप्ति की समय सीमा भी तय कर दी गई पर शुरुवात में ही कार्य कछुवा गति से किए जाने पर सवाल खड़े हो गए। तय समय पर कार्य पूरा किए जाने की उम्मीद भी टूट गई। वर्तमान में भी योजना का कार्य अधूरा ही पड़ा है जबकि जल संस्थान ने ठेकेदार को बजट का चालीसा फिसली भुगतान भी कर दिया है‌। कार्य समाप्ति की तय समायावधि के पांच महीने बाद भी योजना का लाभ न मिलने से गांवों के बाशिंदे आक्रोशित हैं। स्थानीय विरेन्द्र सिंह बिष्ट, संजय सिंह, महेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह, गोविन्द नेगी आदि ने जल संस्थान पर कार्यदाई कंपनी को छूट देने का आरोप लगाया है। कहा की करोड़ों रुपये का बजट उपलब्ध होने के बावजूद पचास फिसदी कार्य भी पूरा नहीं किया जा सका है। क्षेत्रवासियों ने मामले में कार्रवाई किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। जल संस्थान के सहायक अभियंता मोहन सिंह रावत के अनुसार ठेकेदार को दो नोटिस भेजे जा चुके हैं। जल्द निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश भी दिए गए है।