🔳 चार करोड़ रुपये के बजट से क्रश बैरियर किए जा रहे स्थापित
🔳 सुरक्षित यातायात को किए जा रहे कार्यों में गुणवत्ता से खुला खिलवाड़
🔳 जिम्मेदारों की अनदेखी से कार्यदाई संस्था मनमानी पर आमादा
🔳 महत्वपूर्ण बेतालघाट – भतरौजखान मोटर मार्ग का मामला
{{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}}

ग्रामीण सड़के सरकारी बजट को ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। इसका जीता जागता उदाहरण भतरौजखान – बेतालघाट मोटर मार्ग बन गया गया। चार करोड़ रुपये की भारी भरकम लागत से सुरक्षित यातायात के लिए मोटर मार्ग पर लगाए जा रहे क्रश बैरियरों की बुनियाद महज दो महीने में ही जवाब देने लगी है। गुणवत्ता के अभाव में बुनियाद पर गहरी दरारें गहरा गई है। मामले को लेकर लोनिवि के अधिशासी अभियंता ने बैठक में होने का हवाला दे बाद में बात करने की बात कही है।
राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क मार्गों पर दुर्घटनाएं टालने को गंभीरता से कार्य कर रही है। सुरक्षित यातायात के लिए सड़क किनारे पैराफिट व क्रश बैरियर स्थापित किए जाने को लेकर करोड़ों रुपये उपलब्ध कराया जा रहा है पर विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से खुलेआम गुणवत्ता से खिलवाड़ किया जा रहा है। महत्वपूर्ण बेतालघाट भतरौजखान मोटर मार्ग पर चार करोड़ रुपये की भारी भरकम लागत से जा रहे क्रश बैरियरों के कार्य में पूर्व में अनियमिताओं के मामले सामने आने के बाद भी अफसरों के उदासीन रवैया अपनाए जाने से अब कार्यदाई संस्था मनमानी पर आमादा हो चुकी है। गुणवत्ता का ध्यान ना रखे जाने से शुरुआत में ही अब क्रश बैरियरों की बुनियाद में दरारें गहरा गई है। क्रश बैरियर की बुनियाद में लगाए गए सीमेंट जड़ से उखड़ने को तैयार हो चुका है बावजूद अफसर ध्यान नहीं दे रहे। करोड़ों रुपये से किया जा रहे कार्य में गुणवत्ता के अनदेखी लगातार सामने आ रही है। कई बार पूर्व में भी पंचायत प्रतिनिधि मामले को उठा चुके हैं बावजूद लोक निर्माण विभाग के अधिकारी अनदेखी पर आमादा है। ग्रामीणों का आरोप है कि जब दो महीने में ही बुनियाद में दरारें गहरा गई है तो भविष्य में दुर्घटनाएं रोकने में क्रश बैरियर कैसे मददगार हो सकते हैं। लोगों ने मामले में कार्रवाई की मांग उठाई है। इधर मामले को लेकर लोनिवि के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र सिंह से संपर्क साधने पर उन्होंने मीटिंग में होने का हवाला दे बाद में बात करने की बात कह डाली।