🔳नदी की ओर सुरक्षा के ठोस उपाय न होने आवाजाही हुई खतरनाक
🔳हाइवे के नीचे लगे लोहे के गार्डर भी बाहर निकले
🔳अनदेखी किए जाने से बड़ी घटना सामने आने का अंदेशा
🔳पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापारियों तत्काल सुध लिए जाने की उठाई मांग
{{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}}

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर जोखिम टलने का नाम नहीं ले रहा। अतिसंवेदनशील दोपांखी क्षेत्र चौड़ीकरण होने के बाद नदी क्षेत्र की ओर सुरक्षा के उपाय नहीं किए जाने से आवाजाही खतरनाक हो चुकी है। वहीं हाइवे पर वर्षों पूर्व लगे लोहे के गार्डर पर आवाजाही सुचारु है। यात्री व वाहन चालक जान हथेली पर आवाजाही को मजबूर हैं। पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापारियों ने एनएच प्रशासन से सुरक्षा के ठोस उपाय किए जाने की मांग उठाई है।
कुमाऊं की लाइफ लाइन पर संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जगह जगह पहाड़ीयों के दरकने से गिर रहे पत्थर तथा बदहाल हाइवे पर दुर्घटना का खतरा बढ़ा रहे हैं वहीं अब अतिसंवेदनशील दोपांखी क्षेत्र में भी आवाजाही खतरनाक हो चुकी है। वर्ष 2021 में आपदा की जद में आने से हाइवे का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया। लंबे समय तक वन वे आवाजाही संचालित होने के बाद एनएच प्रशासन ने बीते दिनों थुआ की पहाड़ी काट चौड़ीकरण का कार्य किया। हाइवे के चौड़ा होने से काफि हद तक जाम की समस्या खत्म हो गई पर हाइवे पर शिप्रा नदी की ओर सुरक्षा के इंतजाम न होने से आवाजाही करने वालों पर दुर्घटना का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। हाइवे के निचले हिस्से में वर्षों पूर्व लगे लोहे के गार्डर भी बाहर निकल चुके है जिससे खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार कई बार नदी क्षेत्र की ओर सुरक्षा के ठोस उपाय किए जाने की मांग उठाई जा चुकी है बावजूद सुध नहीं ली जा रही। अनदेखी भारी पड़ने तथा लोहे के गार्डर धराशाई होने से हाइवे पर कभी भी आवाजाही ठप होने से परेशानी खड़ी होने का अंदेशा जताया है। स्थानीय शिवराज सिंह बिष्ट, मनोज नैनवाल, कैलाश नैनवाल, हीरा सिंह बिष्ट, मनीष तिवारी, फिरोज अहमद, अनिल बुधलाकोटी, विनोद मेहरा, गोविन्द सिंह आदि ने सुरक्षा के ठोस उपाय किए जाने तथा आवाजाही सुचारु रखने को समय रहते सुध लेने की मांग उठाई है। एनएच के सहायक अभियंता रमेश चंद्र पांडे के अनुसार डामरीकरण व अन्य कार्यों के साथ ही सुरक्षात्मक कार्य भी प्रस्तावित है। जल्द सुरक्षा के ठोस इंतजार किए जाएंगे।