🔳 बिछने लगी है बिसात, दावेदारों की भी है लंबी कतार
🔳 पंचायत चुनाव की रणभेरी के साथ दाव पेंच हुए शुरु
🔳 एक एक पद के लिए कई दावेदार मैदान में
🔳 मतदाताओं का दिल जीतने के कोशिश में जुटे प्रत्याशी
[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की रणभेरी के साथ गांवों की सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। एक एक पद के दावेदारों की लंबी कतार होने से एक अनार सौ बीमार वाली कहावत भी चरितार्थ होने लगी है। खास बात यह है की अब एक बार फिर संघर्षशील, ईमानदार, योग्य, कर्मठ आदि जुमलों के साथ दावेदार मैदान में उतरकर मतदाताओं का दिल जीतने की कोशिश में जुट गए हैं।
पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने व प्रशासक बैठाए जाने के लंबी प्रक्रिया के बाद आखिरकार चुनावों की उल्टी गिनती शुरु हो जाने से ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य तथा ब्लॉक प्रमुख बनने का ख्वाब देखने वाले प्रत्याशियों की इच्छाएं भी हिलौरें मारने लगी है। बकायदा संभावित प्रत्याशियों ने गांवों की भागदौड़ तेज करने के साथ ही वोटों का गणित फिट करने की रणनीति भी तेज कर दी है हालांकि चुनाव परिणाम स्पष्ट करेगा की किसके सिर में ताज सजेगा पर इतना जरुर है की मतदाताओं को पांच वर्ष बाद एक बार फिर पंचायत चुनावों के माध्यम से योग्य, कर्मठ, ईमानदार व संघर्षशील प्रत्याशियों से मिलने का मौका जरुर मिलेगा। इनमें कुछ प्रत्याशी ऐसे होंगे जिन्हें पिछले चुनावों में जीत नसीब नहीं हो सकी वो दोबारा मतदाताओं के दर पर मत्था टेकेंगे और कुछ ऐसे प्रत्याशी जो पिछली पंचवर्षीय योजना में जीत दर्ज कर गांवों में करवाए गए विकास कार्यों की फेहरिस्त लेकर जनता के दरबार में पहुंचेंगे। देखना रोचक होगा की मतदाता किसे गांव की सरकार का मुखिया चुनते हैं और किसे बाहर का रास्ता दिखाते हैं। बहरहाल इतना साफ है की पंचायत चुनावों में प्रत्येक सीट पर कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा।

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