🔳 धरातल पर हालात बद से बद्तर, गंदगी का ढेर कर रहा हकीकत बयां
🔳 जीवनदायिनी कोसी नदी पर धड़ल्ले से डाली जा रही गंदगी
🔳 जिम्मेदारों अफसरों की अनदेखी पर खड़े हो रहे सवाल
🔳 दूषित पानी का इस्तेमाल ग्रामीणों के लिए बना मजबूरी
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]
जीवनदायिनी कोसी नदी लगातार प्रदूषित होती जा रही है बावजूद जिम्मेदार कुंभकरणीय नींद में है महज हवा हवाई अभियान चलाकर कर नदी को स्वच्छ बनाए रखने के दावे किए जा रहे हैं। धरातल पर हालात बद से बद्तर होते जा रहे हैं। क्षेत्रिय जन विकास संघर्ष समिति ने नदी को प्रदूषित करने वालों तथा कागजी दावे करने वाले विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग उठाई है।
पवित्र नदियों को साफ सुथरा बनाए रखने को केंद्र व राज्य सरकारें गंभीरता से कदम उठा रही है। विभागों को भारी भरकम बजट भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकी नदियों को स्वच्छ बनाए रखा जा सके पर खैरना क्षेत्र में मोक्ष धाम के नजदीक पवित्र जीवनदायिनी कोसी नदी पर लगा गंदगी का ढेर धरातल की हकीकत बयां कर रहा है। नदी क्षेत्र में धड़ल्ले से डाली जा रही गंदगी से पवित्र नदी प्रदूषित होती जा रही है पर सुध नहीं ली जा रही। विभागों के जागरुकता अभियान हवा हवाई साबित हो रहे हैं। सरकारी विभागों के नदी क्षेत्र चलने वाले सफाई अभियान भी महज फोटोग्राफी तक सीमित है। कोसी नदी से कई पेयजल व सिंचाई योजनाएं संचालित है।
कई गांव के पशुपालक कोसी नदी के पानी का इस्तेमाल मवेशियों को पानी पिलाने तक में करते हैं। ऐसे में खैरना क्षेत्र से डाली जा रही गंदगी से नदी के प्रदूषित होने से संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा भी बना हुआ है। क्षेत्रिय जन विकास संघर्ष समिति के विरेन्द्र सिंह बिष्ट, गजेंद्र सिंह नेगी, मनीष तिवारी, फिरोज अहमद, पंकज नेगी, मनोज बिष्ट आदि ने पवित्र नदी पर गंदगी डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है।