🔳 सैकड़ों गांवों के मध्य में स्थित सीएचसी पर निर्भर है हजारों लोग
🔳 विशेषज्ञ चिकित्सक ने होने से बन चुका है रेफर सेंटर
🔳 बेहतर स्वास्थ्य सुविधा न मिलने से ग्रामीण मीलों का सफर तय करने को मजबूर
🔳 लगातार परेशानियां बढ़ने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग बना है अनजान
🔳 पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापारियों ने उपेक्षा का आरोप लगा जताई नाराजगी
[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]
पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लाख दावे किए जाएं पर धरातल पर दावे हवाई साबित हो रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेतालघाट इसका जीता जागता उदाहरण है। सीएचसी का दर्जा होने के बावजूद अस्पताल में दस वर्ष से भी अधिक समय से किसी भी बिमारी से संबंधित विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती नहीं हो सकी है। मजबूरी में सैकड़ों गांवों के लोगों को मीलों का सफर तय करना मजबूरी बन चुका है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेतालघाट सैकड़ों गांवों के मध्य में स्थित है। सूदूर गांवों से लोग बेहतर उपचार की उम्मीद के साथ यहां पहुंचते हैं पर प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को हायर सेंटर रेफर कर दिए जाने से गांव के बाशिंदे परेशान हो जाते हैं। मजबूरी में हल्द्वानी, रामनगर, काशीपुर को रुख करना पड़ता है। सीएचसी बेतालघाट के महत्वपूर्ण अस्पतालों में शुमार होने के बावजूद पिछले दस वर्षों से भी अधिक समय से विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती न होने से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। हजारों लोगों के लिए सीएचसी संजीवनी है बावजूद विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती न होने से लोग परेशान है। ब्लॉक मुख्यालय होने व आए दिन नेताओं व अफसरों का जमावड़ा भी बेतालघाट में रहता है पर अस्पताल की सुध नहीं ली जा सकी है। वर्षों से क्षेत्रवासी विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की मांग भी उठा रहे हैं पर जिम्मेदारों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी का खामियाजा सैकड़ों गांवों के बाशिंदों को भुगतना पड़ रहा है। बुजुर्ग सबसे ज्यादा दिक्कतों में है। सूदूर गांवों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावे यहां फेल साबित हो चुके हैं। नियमानुसार सीएचसी में चार विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती का प्रावधान है। ग्राम प्रधान मल्ली पाली शेखर दानी, व्यापार मंडल अध्यक्ष बालम सिंह बोहरा, प्रधान घंघरेठी, कुंदन सिंह नेगी, दयाल सिंह दरमाल, हरीश चंद्र, नवीन चंद्र, बिशन सिंह आदि ने महत्वपूर्ण अस्पताल की उपेक्षा पर गहरी नाराजगी जताई है। आरोप लगाया की जनहित से खिलवाड़ किया जा रहा है। चिकित्सा प्रभारी डा. सतीश पंत के अनुसार उच्चाधिकारियों को समय समय पर पत्राचार किया जा रहा है। फिलहाल गरमपानी अस्पताल से सप्ताह में एक दिन बाल रोग विशेषज्ञ बेतालघाट भेजी जा रही है।