🔳 पूर्व में भी ग्रामीणों के आक्रोशित होने पर सरकार अपना चुकी है गंभीर रुख
🔳 एक विभागीय अधिकारी पर भी गिर चुकी है गाज
🔳 ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर कार्य होने पर फिर नाराजगी
🔳 ईई ने मामले को गंभीरता से ले रुकवा दिया कार्य

[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]

करोड़ों रुपये की लागत से निर्माणाधीन बयेडी पंपिंग पेयजल योजना में अनियमितता पर ग्रामीणों का पारा चढ़ गया। बगैर विभागीय अधिकारियों की देख रेखा में टैंक निर्माण पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई। गुणवत्ता विहीन कार्यों का भी आरोप लगाया। जल निगम के अधिशासी अभियंता हिमांशु वर्मा ने कर्मचारियों को मौके पर पहुंच कार्य रुकवा दिया। अधिशासी अभियंता के नियमानुसार ही कार्य करवाया जाएगा।

समीपवर्ती ताड़ीखेत ब्लॉक के तमाम गांवों के बाशिंदों को पेयजल उपलब्ध कराने को करीब तेरह करोड़ रुपये की भारी भरकम लागत से निर्माणाधीन बयेडी पंपिंग पेयजल योजना के कार्य में लापरवाही पर एक बार फिर ग्रामीणों का पारा चढ़ गया है। बीते अगस्त में भी ग्रामीणों के आंदोलित होने के बाद उठी जांच की आंच शासन तक पहुंच गई थी। सरकार के गंभीर रुख अपनाने के बाद एक अवर अभियंता पर भी गाज गिरी। अब एक बार फिर ग्रामीणों ने योजना निर्माण में अनियमितता का आरोप लगा जांच की मांग उठा दी है। संघर्ष समिति अध्यक्ष कैलाश पांडे, निवर्तमान ग्राम प्रधान हिडाम लच्छी राम, भुवन सिंह, प्रेम सिंह आदि ने मुसौली क्षेत्र में पेयजल टैंक निर्माण में विभागीय अधिकारियों की अनदेखी पर नाराजगी जताई। आरोप लगाया की अधिकारियों की अनदेखी से महत्वपूर्ण टैंक के निर्माण में अहम उपकरणों का इस्तेमाल तक नहीं किया जा रहा। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों को सूचना दे कार्रवाई की मांग उठाई। दो टूक चेतावनी दी की यदि लापरवाही की गई तो आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। जल निगम के अधिशासी अभियंता हिमांशु वर्मा के अनुसार मौके पर कर्माचारियों की टीम को भेज कार्य रुकवा दिया गया है। बगैर वायब्रेटर के कार्य होने की सूचना मिली थी। साफ कहा की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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