🔳 नाराज वाहन चालकों व स्वामियों ने लगाया आरोप
🔳 वाहनों के घंटों रुकने से उठाना पड़ रहा नुकसान
🔳 न नींद हो पा रही, खाने के भी पड़ जा रहे लाले
🔳 मालवाहक वाहनों को रोकने व रोडवेज व केमू बस के आवाजाही पर उठाए सवाल
🔳 रोकने के बजाय यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने को ठोस उपाय किए जाने की उठाई मांग
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर कैंची क्षेत्र में जाम की स्थिति पैदा होने से पर्वतीय क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले मालवाहक वाहनों को नैनीताल व अल्मोड़ा जनपद की सीमा पर घंटों रोके जाने से वाहन चालक परेशान है। वाहन चालकों ने शासन प्रशासन पर हितों से खिलवाड़ किए जाने का आरोप लगाया है। वाहन चालकों के अनुसार पहाड़ में पर्यटन को बढ़ाने के लिए पहाड़ के लोगों की उपेक्षा की जा रही है। वाहन चालकों मालवाहक वाहनों को रोकने के बजाय यातायात व्यवस्था चाक चौबंद किए जाने पर जोर दिया है।
कैंची क्षेत्र में शनिवार व रविवार को श्रदालुओं व पर्यटकों के उमड़ने से यातायात व्यवस्था चरमरा जा रही है। जाम न लगे इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों को रसद, पैट्रोलियम पदार्थ व निर्माण सामग्री पहुंचाने वाले वाहनों को वापसी में सुबह से शाम तक खैरना क्षेत्र में रोक दिया जा रहा है। प्रत्येक सप्ताह यह सिलसिला जारी है। वाहनों को सुबह आठ से शाम आठ बजे तक रोके जाने से वाहन स्वामियों व वाहन चालकों को तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है वहीं वाहन से होने वाली आय में भी नुकसान हो रहा है। वाहन चालकों के अनुसार रास्ते में रोके जाने से नींद भी पूरी नहीं हो रही। खाने के भी लाले पड़ जा रहे हैं। आरोप लगाया है की उतरैणी पर्व पर पर्वतीय क्षेत्रों में दुकानदार सामान का इंतजार कर रहे हैं पर वाहन सुबह से शाम तक खैरना में ही रुक जा रहे हैं। व्यापारियों ने भी पर्वतीय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सामग्री पहुंचाने वाले मालवाहक वाहनों को घंटों रोकने व रोडवेज व केमू बसों को छोड़ने पर गहरी नाराजगी जताई है। बागेश्वर, पिथौरागढ़, कपकोट, अल्मोड़ा, गंगोलीहाट, बेरीनाग समेत तमाम क्षेत्रों से लौट रहे वाहन चालक शुभम मेहरा, करन कुमेरिया, अजय बोहरा, पवन कुमार, खुशाल सिंह, नीरज कुमार, मनोज आर्या, राम सिंह पाटनी, राजेश मिश्रा आदि ने यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने को ठोस उपाय किए जाने की मांग उठाई है। साफ कहा की शासन प्रशासन मालवाहक वाहनों के चालकों व स्वामियों के उत्पीड़न पर आमादा है। दो टूक चेतावनी दी है की यदि जल्द व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो मजबूरन आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।